रेलवे का अधूरा अंडरपास 20 गांवों के लिए बना मुसीबत
संवाद सहयोगी खागा सतनरैनी रेलवे क्रासिग पर बन रहे अंडरपास का निर्माण छह महीने बाद भी
संवाद सहयोगी, खागा : सतनरैनी रेलवे क्रासिग पर बन रहे अंडरपास का निर्माण छह महीने बाद भी अधूरा पड़ा है। इससे 20 गांवों के लोग आठ-10 किमी परिक्रमा करके तहसील और जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। वहीं, बाइक और साइकिल सवार तथा पैदल राहगीर जोखिम लेकर रेलवे पटरी पार करते हैं।
रेलवे फ्रेट कारिडोर और कार्यदायी संस्था जीएमआर की ओर से सतनरैनी रेलवे क्रासिग पर अंडरपास निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बीते फरवरी महीने से निर्माण जारी है। मई महीने में इसे पूरा होने की बात कही जा रही थी। संस्था के ठेकेदार शिवशरण सिंह ने बताया कि टेनी गांव की ओर पुल निर्माण पूरा हो चुका है। दीवार का निर्माण हो रहा है। दूसरी ओर का निर्माण जिसे रेलवे विभाग की ओर से पूरा किया जाएगा, काम की शुरूआत नहीं हो सकी है। 205 मीटर लंबाई वाले अंडरपास के निर्माण में दो करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इन गांव के लोगों को होती है परेशानी
अंडरपास का निर्माण अधूरा होने से टेनी, मझटेनी, महिचा मंदिर, बनपुरवा, पेरी, नरौली, संग्रामपुर, नरवा, पलिया, सिठियानी, नरोत्तमपुर, सेलरहा, खासमऊ, बलरामदास का पुरवा, नरैनी आदि 20 गांवों के लोगों को वाहन लेकर खागा या फिर रामपुर होकर जिला मुख्यालय का सफर तय करना पड़ता है।
दो किमी तक चलना पड़ता है पैदल
जरूरी काम से टेनी बैंक तक जाना पड़ता है। कार से रेलवे क्रासिग तक ही जा सकते हैं। वहीं, पर कार खड़ी करके दो किमी पैदल चलकर जाना पड़ता है।
नितुन सिंह, खासमऊ मझटेनी गांव में एक पीड़ित परिवार से मुलाकात के लिए जाना था। रेलवे अंडरपास का निर्माण अधूरा होने की वजह से गंतव्य तक कार नहीं पहुंच पाती है।
शिवाकांत तिवारी, संवत स्थिति पर एक नजर
रेलवे अंडरपास : सतनरैनी
निर्माण शुरू : फरवरी 2021
पूरा होना था निर्माण : मई 2021
पुल की लंबाई 205 मीटर
कुल लागत : दो करोड़ रुपये
प्रभावित गांव : 20