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अतिक्रमण से सिमटा तालाब, नहीं आते प्रवासी पक्षी

संवाद सहयोगी बिदकी नगर के पुरानी बिदकी स्थित बाईपास से जुड़े पक्का तालाब में कभी गर्मी के

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 11:43 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 11:43 PM (IST)
अतिक्रमण से सिमटा तालाब, नहीं आते प्रवासी पक्षी
अतिक्रमण से सिमटा तालाब, नहीं आते प्रवासी पक्षी

संवाद सहयोगी, बिदकी : नगर के पुरानी बिदकी स्थित बाईपास से जुड़े पक्का तालाब में कभी गर्मी के दिनों में प्रवासी पक्षियों का डेरा हुआ करता था। अतिक्रमण के कारण तालाब का आकार लगातार सिमटता जा रहा है। इस कारण अब प्रवासी पक्षियों ने भी यहां पर आना छोड़ दिया है। नगर पालिका भी तालाबों के संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। इस कारण तालाब को बचाने के प्रयास भी नहीं हुए। तालाब में सिल्ट होने के कारण उथला हो चुका है। तालाब की जल संचित करने की क्षमता कम हो चुकी है।

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पुरानी बिदकी स्थित इस तालाब से जुड़ा ज्वाला देवी मंदिर से जुड़ा एक और तालाब है। उसके घाट पक्के हैं। जब इस तालाब में पानी अधिक हो जाता था तो पुलिया से तालाब का पानी ज्वाला देवी मंदिर के तालाब में पहुंच जाता था। तालाब में घरों का पानी पहुंचा रहा है। कूड़ा डालकर तालाब को लगातार पाटने का काम चल रहा है। काफी दिनों तक नगर पालिका खुद घरों से निकलने वाला कूड़ा इसी तालाब में डालती आई है। अब भी इसमें अतिक्रमण जारी है। गर्मी में जब तालाब में पानी रहता था तो प्रवासी पक्षी आते थे और सर्दी के मौसम में वापस घरों को लौट जाते थे। यहां पर चिड़ियों का कलरव भी सुनाई देता था।

तालाब की कहानी, लोगों की जुबानी

विमल शर्मा ने कहा, बचपन में यह तालाब बहुत विशाल था। अब यह छोटा हो गया है। सफाई न होने से बारिश का पानी भरकर निकल जाता है। नगर पालिका तालाबों के संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है।

सिद्धार्थ ने बताया तालाबों को बचाने के लिए नगर पालिका को पूरे प्रयास करने चाहिए। जल संरक्षण की दिशा में काम नहीं हुआ तो आने वाला समय दिक्कत भरा होगा। सिद्धार्थ

मुस्ताक अहमद का कहना है कि तालाबों को बचाने की जरूरत है। आने वाली पीढि़यों को जल संकट से बचाने के लिए जन-जागरूकता की आवश्यकता है। नहीं चेते तो आने वाले समय में इसका अस्तित्व पूरी तरह से मिट जाएगा। नरेश कुमार गौतम ने कहा, जो भी तालाब बचे हैं, उनको संरक्षित किए जाने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। तालाबों को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाना बहुत जरूरी है। नगर पालिका को इस पर वृहद रूप से काम करना चाहिए। नगर पालिका ईओ निरूपमा प्रताप ने कहा कि नगर के तालाबों को पुनरुद्धार का प्रोजेक्ट तैयार है। पर बजट के अभाव में इन पर काम नहीं हो पा रहा है। सिल्ट हटाने का खर्च बड़ा है। इसे बोर्ड फंड से नहीं दिया जा सकता है। प्रोजेक्ट पास होते ही काम करवाया जाएगा।


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