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निजी अस्पतालों में नहीं जा रहे कोरोना मरीज, 74 बेड खाली

जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना के संक्रमण ने चारों तरफ तबाही मचा रखी है ऐसे में

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 06:51 PM (IST)
निजी अस्पतालों में नहीं जा रहे 
कोरोना मरीज, 74 बेड खाली
निजी अस्पतालों में नहीं जा रहे कोरोना मरीज, 74 बेड खाली

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना के संक्रमण ने चारों तरफ तबाही मचा रखी है, ऐसे में प्रशासन ने जिले में कोविड उपचार के लिए चार निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी है, लेकिन आम जनता का विश्वास इन निजी अस्पतालों पर नहीं है तभी तो आरक्षित किए गए 80 बेड़ों में से 74 अब तक खाली पड़े हैं। क्योंकि यहां भर्ती होने के बजाए लोग सरकारी एल-1 और एल-2 में भर्ती होना ज्यादा फायदेमंद मानते हैं।

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कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार निजी अस्पतालों में कराने चार अस्पताल आरक्षित किए गए हैं। निजी अस्पतालों में उपचार के लिए कोई सरकारी डॉक्टर या स्टाफ नहीं दिया गया है। यहां तक की कोरोना में काम आने वाली दवाएं और ऑक्सीजन की आपूर्ति भी निजी अस्पतालों को ही करना है। जिले में वर्तमान में करीब 470 एक्टिव मरीज हैं, जो कि अपने अपने घरों में ही होम आइसोलेशन पर रहकर उपचार ले रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने नहीं आ रहे। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और स्टाफ की लगातार निगरानी की जा रही है, लेकिन निजी अस्पतालों में उपचार किस तरह हो रहा है, इसकी निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है।

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तीन अस्पतालों में मरीज संख्या शून्य

राम सनेही मेमोरियल हास्पिटल, श्याम नर्सिंग होम और बीवाईएस चैरिटेबल हास्पिटल ऐसे अस्पताल में जहां कोविड मरीज भर्ती करने की सुविधा है, लेकिन बीते पांच दिनों में यहां पर एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है। यहां बेड खाली पड़े हैं। नर्सिंग होम संचालक कहते हैं कि जब मरीज ही नहीं आते तो किसे भर्ती किया जाए।

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ब्राडबेल मसीह में खुला खाता

शहर के हरिहरगंज स्थिति ब्राडबेल मसीह क्रिश्चयन हास्पिटल में निजी बेड मौजूद है। यहां भर्ती होने के लिए छह मरीज पहुंचे हैं जिन्हें भर्ती करके उपचार किया जा रहा है। निजी उपचार के नाम पर सिर्फ इसी अस्पताल का खाता खुला है। अन्य अस्पतालों में एक भी मरीज नहीं पहुंचे हैं।

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मरीज बढ़ने पर हम भेजेंगे-एडिशनल सीएमओ

एडिशनल सीएमओ डॉ एसपी जौहरी ने कहा कि स्वेच्छा से निजी नर्सिंग होम में मरीजों को भर्ती होने की सुविधा है। लेकिन अगर मरीज यहां नहीं जा रहे हैं तो एल-1 और एल-2 में मरीज बढ़ने पर यहां भेजे जाएंगे। जो मरीज प्रशासन द्वारा भेजा जाएगा उसको भर्ती कराकर उपचार दिलाना प्रशासन की जिम्मेदारी है।


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