मनरेगा मजदूर की दिमागी बुखार से मौत, बढ़ी बीमारी की रफ्तार
जागरण टीम फतेहपुर बदलते मौसम में बीमारियों का ग्राफ बढ़ा है। नर्सिंग होम डाग्नोस सेंटर
जागरण टीम फतेहपुर: बदलते मौसम में बीमारियों का ग्राफ बढ़ा है। नर्सिंग होम, डाग्नोस सेंटर व सरकारी अस्पतालों में सुबह-शाम भारी भीड़ पहुंच रही है। जिले में डेंगू व मलेरिया के बाद अब दिमागी बुखार ने भी दस्तक दे दी है। हसवा कस्बे में एक मनरेगा मजदूरी की मौत कानपुर के हैलट अस्पताल में हुई है, जिस पर दिमागी बुखार की पुष्टि की गयी है। उधर बदले मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम व वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है।
हसवा कस्बे के 35 वर्षीय दयाराम पासवान मनरेगा मजदूरी करते थे। बीते एक माह से उन्हें बुखार आ रहा था, पहले उन्होंने हसवा, फिर जिला मुख्यालय में उपचार कराया। राहत नहीं मिली तो भाई दयापाल ने इन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया। भाई के अनुसार डॉक्टरों ने दिमागी बुखार की बात बताते हुए उपचार शुरू किया। करीब 14 दिन उपचार करने के बाद भी डॉक्टर भाई को बचा नहीं सके। उधर रविवार को गांव शव आया तो पूरे गांव में बीमारी को लेकर दहशत है। क्योंकि इस गांव में कई और लोग बुखार से जूझ रहे हैं। बिदकी तहसील में फैले बुखार से अब गांवों में राहत मिल गयी है, लेकिन अब पूरे जिले में बदले मौसम के कारण सर्दी जुकाम, बुखार व खांसी के मरीज मिल रहे हैं।
इस मौसम में डॉक्टर की सलाह
डॉ. केके पांडेय बताते है कि मौसम का उतार चढ़ाव में बीमारियों के फैलना आम बात है, लेकिन इस मौसम में सजग रहकर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। इस मौसम में पहला मच्छरों से बचाव करें और दूसरा फुल आस्तीन के कपड़े पहनते हुए ठंड से बचाव करें।
दिमागी बुखार की पुष्टि नहीं: सीएमओ
प्रभारी सीएमओ डॉ. एसपी जौहरी ने बताया कि दिमागी बुखार से हैलट में हुई मौत की कोई सूचना जिले नहीं भेजी गयी है। अब तक जिले में दिमागी बुखार का कोई रोगी इस सीजन में सामने नहीं आया है। सोमवार को मृतक के घर टीम भेजकर दस्तावेजों की पड़ताल की जाएगी।