Move to Jagran APP

जलशक्ति मंत्रालय पहुंचेगा यमुना नदी में कटान का मामला

जागरण संवाददाता फतेहपुर असोथर ब्लाक के कोर्राकनक ग्राम सभा में यमुना नदी के वेग से होन

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 05:08 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 05:08 PM (IST)
जलशक्ति मंत्रालय पहुंचेगा यमुना नदी में कटान का मामला
जलशक्ति मंत्रालय पहुंचेगा यमुना नदी में कटान का मामला

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : असोथर ब्लाक के कोर्राकनक ग्राम सभा में यमुना नदी के वेग से होने वाली कटान से अब तक 13 हजार बीघा जमीन समाहित हो चुकी है। जमीन हाथ से फिसलने के चलते किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। हर साल होने वाली कटान को रोकने के प्रबंध 45 साल में नहीं किया जा सके हैं तो समाहित जमीन को लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति इस समस्या को जलशक्ति मंत्रालय तक पहुंचाने की बात कही है।

loksabha election banner

यमुना नदी में जहां पर केन नदी मिलती है वहां पर तेज बहाव हो जाता है। दो नदियों के मिलान वाली जगह के सामने कोर्राकनक ग्रामसभा की जमीन आते ही है। टीले नुमा जमीन का कटान प्रतिवर्ष हो रहा है। अब हड़ाही डेरा गांव का अस्तित्व मिटने वाला है। अब तक करीब 10 मजरों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, यह नए ठिकानों पर बस गए हैं। इसी सप्ताह किसानों ने यमुना उस पार बांदा जनपद में जाकर खोई जमीन में कब्जा पाने का प्रयास किया तो लोगों से गुत्थम गुत्था होना पड़ा। पुलिस ने मामले को शांत कराया। बीते दिन किसान कलेक्ट्रेट पहुंच कर आवाज बुलंद कर चुके हैं। जिले की सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहाकि समस्या अहम है। इसके लिए कई चक्र में सीएम से मुलाकात की है। केंद्र में भी मुद्दा उठाया है। किसानों को जमीन मिले इसके लिए वह पूरा प्रयास करेंगी। जल्द ही वह केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से मिलेंगी।

युवा कर रहे हैं पलायन

45 साल से हो रही यमुना कटान से किसानों के बेटों के सामने पलायन करने की नौबत आ चुकी है। किसान भूमिहीन हो गए हैं। परिवार का पेट पालने के लिए युवा पलायन कर रहे हैं। महानगरों में जाकर नौकरी कर रहे हैं। घर में वृद्ध मां-बाप ही रह रहे हैं। ऐसे में किसानों का जीविकोपार्जन परेशानी का सबब बना हुआ है।

आश्वासन तो बहुत मिले, पर मिला कुछ नहीं

किसान शिवमोहन सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बबलू सिंह, पूर्व प्रधान दिनेश सिंह, मुलायम सिंह, राजाराम, रजोल, शिवबरन सिंह, रणधीर सिंह आदि कहते हैं कि तमाम प्रयासों के बाद समाहित होकर बांदा में गई जमीन नहीं दिलाई गई है। कटान रोकने के इंतजाम नहीं हुए हैं। हर साल कटान हो रही है और जमीन यमुना में समाहित हो रही है। भाजपा नेता अरविद बाजपेयी की अगुवाई में आंदोलन को खत्म कराने के लिए छलावा किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.