मयंक को गंभीर बीमारी, इलाज के लिए मांगी मदद
जागरण संवाददाता फतेहपुर यूं तो ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी की बीमारी लाखों में एक को ह
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : यूं तो ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी की बीमारी लाखों में एक को होती है, लेकिन यह यह रामपुर थरियांव गांव निवासी ज्ञानेंद्र सिंह के सात वर्षीय पुत्र मयंक में इस बीमारी की पहचान हुई है। इसके बाद बच्चे के उपचार को लेकर राजनीतिक हल्कों में पहल शुरू हो गई है। सदर विधायक विक्रम सिंह ने बच्चे के उपचार में सहयोग के लिए पीएम व सीएम को भी पत्र लिखकर सहयोग की मांग की है। उधर, पीड़ित बच्चे के पिता ने कहा कि वह सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता है। बीते दिनों बीमार बच्चे को उसने लखनऊ के पीजीआइ में दिखाया था, तब इस बीमारी की पहचान हुई। उन्हें उपचार के लिए करोड़ों का खर्च बताया गया है।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. संजय कुमार बताते हैं कि ड्यूशेन मस्कुल डिस्ट्राफी बीमारी खतरनाक बीमारी है। मुख्य रूप से इस बीमारी के चपेट में बच्चे ही आते हैं। बीमारी की चपेट में आने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। समय पर उपचार न मिलने पर बच्चा चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है। उपचार न होने पर मौत भी हो जाती है। बीमारी से प्रभावित बच्चों का उपचार स्टेम सेल थेरेपी के जरिए होता है, जिसके बाद क्षतिग्रस्त टिश्यू को फिर से सही किया जाता है।