ममता की 'छांव' के साथ सेवा के 'भाव'
केबी सिंह धाता (फतेहपुर) मां के त्याग बलिदान ममत्व और समर्पण का स्वरूप इतना
केबी सिंह, धाता (फतेहपुर)
मां के त्याग, बलिदान, ममत्व और समर्पण का स्वरूप इतना विराट है कि यदि पूरी जिदगी समर्पित कर दी जाए तो भी उसके कर्ज को नहीं उतारा जा सकता। मां ही वह सत्ता है, जो संतान का लालन-पालन करने के लिए हर दुख का बहुत ही सहजता से सामना करती है। वह माताएं और भी धन्य हैं जो ममता की छांव के साथ सेवा भाव की अछ्वुत मिशाल पेश कर रही हैं। ऐसे ही एक मां हैं एएनएम मीरा देवी।
ब्लाक क्षेत्र के अढ़ौली उपस्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम मीरा देवी ने न सिर्फ एक अच्छे स्वास्थ्य कर्मचारी की जिम्मेदारियों का पालन किया, उन्होंने महामारी के इस दौर में अधिक जिम्मेदारी के साथ परिवार का भी ध्यान रखा। मूलरूप से धाता कस्बा की रहने वाली मीरा देवी ने वर्ष 2015 में स्वास्थ्य विभाग में नौकरी शुरू की। इनके पति गणेश प्रसाद सक्सेना गांव में ही रहते हैं। दो बेटियों व एक बेटे को अच्छी परवरिश देकर पढ़ाया-लिखाया। तीनों बच्चे अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ते हैं। शादी के बाद इन्होंने संयुक्त परिवार को अच्छे से संभाला। उसके बाद अपनी विभागीय जिम्मेदारियों को निभाने की बारी आई तो उप स्वास्थ्य केंद्र को ही दिन-रात का ठिकाना बना लिया। सुरक्षित प्रसव के लिए ग्रामीणांचल से आने वाली महिलाओं को सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का शत-प्रतिशत लाभ दिलाते हुए इन्होंने एएनएम सेंटर को पीएचसी के बराबर लाकर खड़ा कर दिया। मीरा देवी बताती हैं कि बीते वर्ष से संक्रमण को लेकर उनकी जागरूकता की मुहिम लगातार जारी है। आम जनमानस को संक्रमण से बचाते हुए अधिक से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाना उनकी दिनचर्या में शामिल है। मौजूदा समय में गांव-गांव जाकर वह दवाओं का वितरण कर रही हैं। इससे पहले उन्होंने उप स्वास्थ्य केंद्र में ही वैक्सीन लगाने का अभियान पूरी ईमानदारी के साथ निभाया। बच्चों के लिए अच्छी मां व कुशल स्वास्थ्य कर्मी मीरा देवी को क्षेत्र के लोग भरपूर सम्मान देते हैं।