जिला आकांक्षी है तो परिवर्तन भी दिखना चाहिए: सचिव
जागरण संवाददाता फतेहपुर आपका जिला आकांक्षी है तो यहां परिवर्तन भी दिखने चाहिए। कागजी
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: आपका जिला आकांक्षी है, तो यहां परिवर्तन भी दिखने चाहिए। कागजी आंकड़े से कम नहीं चलेगा। यह बात भारत सरकार के ग्राम्य विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशीष गोयल ने कही। वह सोमवार को नीति आयोग के कामों की समीक्षा कर रहे थे। विकास भवन सभागार में करीब तीन घंटे चली बैठक में उन्होंने अफसरों के पेंच कसे। हिदायत के साथ तय मानक पर काम पूरा करने की जिम्मेदारी भी देकर दिल्ली लौट गए।
स्वास्थ्य विभाग के 13 कामों पर फोकस करते हुए कमजोर स्थिति पर नाराजगी जताई। जिले में संस्थागत प्रसव व बच्चों के टीकाकरण की स्थिति कमजोर पाई गई। चार माडल स्कूल ऐसे पाए गए जिनमें विद्युतीकरण ही नहीं कराया गया है। कृषि की समीक्षा अलग-अलग दस बिदुओं पर की। जिसमें मोटे अनाज, जैविक खेती, जल संरक्षण आदि के कामों स्थिति में बदलाव पाया गया। बुनियादी ढांचा के सात बिदुओं पर पड़ताल की, जिसमें कर्मचारियों के आवास से लेकर कार्यालयों की साज सज्जा तक की समीक्षा हुई। इसके बाद वित्तीय समावेशन के दस बिदुओं की समीक्षा। बैठक में डीएम अपूर्वा दुबे समेत सभी अधिकारी रहे।
समीक्षा में इन्हें पूरा करने पर जोर
-शत-प्रतिशत गर्भवती महिला का रजिस्ट्रेशन व संस्थागत प्रसव कराएं।
-गर्भवती/धात्री व शिशुओं के पोषण स्तर का विशेष ध्यान रखा जाय।
-पुरूष व महिला मतदाताओं के अंतर को दूर करने को अभियान चलाएं।
-चिन्हित टीबी मरीजों शत प्रतिशत इलाज से जोड़ा जाएगा।
-परिषदीय विद्यालयों में सभी मूलभूत सुविधाएं पूर्ण की जाए।
-परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन की गुणवत्ता सुधारी जाए।
सीएमओ की बहानेबाजी पर दिखाया आईना
संस्थागत प्रसव कम होने पर सीएमओ ने जिले में गाइनोलाजिस्ट चिकित्सकों की कमी बताई। जिस पर सचिव ने सच का आइना दिखाया कहा कि प्रसव तो एएनएम व आशाएं करातीं है। गाइनोलाजिस्ट तो सिर्फ सिजेरियन करते हैं।