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शिवाकाशी व मैनपुरी से मंगवाई गई बारूद की खेप

-----------आतिशबाजी -------------- - पुलिस-फायर फायटिग टीम चेकिग में नहीं बरत रही सतर्कता - लाइसेंसधारक आतिशबाजों का पांच वर्षों में होता नवीनीकरण जागरण संवाददाता फतेहपुर पंजाब प्रांत के बटाला जिले में स्थित पटाखा फैक्ट्री में सितंबर माह हुए विस्फोट से इक्कीस लोग मौत के आगोश में समा गए थे उसके बावजूद स्थानीय पुलिस प्रशासन व जिला फायर फाइटिग टीम निर्माण स्थल की चेकिग में खानापूरी कर सतकर्ता नहीं बरत रही है जबकि पटाखा निर्माण कारोबारी शिवाकाशी कानपुर व मैनपुरी से बारूद की खेप मंगवाकर विस्फोटक पटाखा निर्माण कर रहे हैं जिसमें कुछ बिना लाइसेंस के भी घरों में पटाखा निर्माण कर रहे हैं। सुरक्षा के मानकों की अनदेखी से कहीं भी कोई हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:27 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 06:18 AM (IST)
शिवाकाशी व मैनपुरी से मंगवाई गई बारूद की खेप
शिवाकाशी व मैनपुरी से मंगवाई गई बारूद की खेप

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सितंबर माह में पंजाब के बटाला जनपद स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से स्थानीय प्रशासन ने सबक नहीं लिया। फायर फाइटिग टीम निर्माण स्थल की चेकिग में अभी भी खानापूरी कर सतर्कता नहीं बरत रही है जबकि पटाखा निर्माण कारोबारी शिवाकाशी, कानपुर व मैनपुरी से बारूद की खेप मंगवाकर विस्फोटक पटाखा निर्माण कर रहे हैं। इसमें कुछ लोग बिना लाइसेंस के ही अपने घरों में पटाखा निर्माण कर रहे हैं। सुरक्षा के मानकों की अनदेखी से कहीं भी कोई हादसा हो सकता है।

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सदर तहसील क्षेत्र में पटाखा बिक्री के 81 लाइसेंस धारक हैं, जिनका पांच वर्षों में नवीनीकरण होता है जबकि 145 के करीब अस्थायी लाइसेंस धारक हैं जो दीपावली के तीन दिन पूर्व से रेडीमेड पटाखे मंगवाकर बिक्री करते हैं। तमाम निर्देश के बाद भी पटाखों निर्माण करने वाले अवैध रूप से 125 डेसीबल क्षमता से अधिक ध्वनि के सुतली बम व छोटे हथगोला आदि बनाए जा रहे हैं। बताते हैं कि बिना किसी मानक के जिले के पहाड़ीपुर, अंदौली, उधन्नापुर, सनगांव, हुसेनगंज, जमरावां, रजाबाद, बिलंदा, शाह, हसवा, आंबापुर, अमेना, जहानाबाद, चखेड़ी, जाफरगंज, गढ़ी, हबीबपुर आदि जगहों पर पटाखा निर्माण चल रहा है। उसके बावजूद फायर फाइटिग टीम सतर्क नहीं हो रही है। जाफरगंज कस्बा व मांझेपुर में पटाखा निर्माण लाइसेंसधारक आबादी से कुछ दूर पर कच्ची कोठरी में पटाखा निर्माण कर रहे हैं, वह भी बिना किसी अग्निशामक यंत्र के अवैध रूप से निर्माण करने में लगे हैं। कार्यवाहक सीओ सिटी फायर रामप्रकाश कहते हैं कि पटाखा निर्माण स्थल का स्थलीय जायजा लिया जा रहा है जहां मानक के विपरीत काम करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

रसायनिक पदार्थों से पटाखों का निर्माण

लाइसेंस धारकों की आंड़ में कुछ अवैध पटाखा निर्माण कारोबारियों ने कानपुर, शिवाकाशी व मैनपुरी जिले के साथ शहर के लाठी मोहाल नियर लाठी माहौल से बारुद की आमद करवा ली है और रसायनिक पदार्थों नाइट्रेट शोरा, पोटेशियम, लोहे का बुरादा, कोयला, सल्फर, लेई, गत्ता, कागज, सुतली व बारुद का मिश्रण करके विस्फोटक पटाखे तैयार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बारूद की आमद गैर जिलों से हो गई है।

क्या है पटाखा निर्माण के मानक

- 125 डेसीबल ध्वनि से अधिक क्षमता के पटाखा न हों

- पटाखा निर्माण के वक्त पानी, बालू, मिट्टी अवश्य हो

- आस पास हाईटेंशन विद्युत तार न गए हों

- दो अग्निशामक यंत्र अवश्य रखना चाहिए

- पटाखा निर्माण आबादी के बाहर तालाब के निकट हो

- निर्माण के वक्त बच्चों को बिल्कुल न बिठाएं

- घातक वाले रसायनिक पदार्थ का मिश्रण न हो

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'बिना लाइसेंस नवीनीकरण के पटाखा निर्माण नहीं कर रहे हैं। मानक के अनुसार 100 मीटर आबादी से दूर कच्ची कोठरी के आस पास ही कर रहे हैं। कहा कि निरीक्षण में 125 डेसीबल क्षमता के कम पटाखा निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं।'- अशोक कुमार सिंह- जिला अग्निशमन अधिकारी


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