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कॅरियर काउंसि¨लग केंद्र को शासन ने सराहा

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : डीआइओएस कार्यालय के स्काउट भवन में बच्चों के लिए स्थापित किए ग

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 06:51 PM (IST)
कॅरियर काउंसि¨लग केंद्र को शासन ने सराहा
कॅरियर काउंसि¨लग केंद्र को शासन ने सराहा

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : डीआइओएस कार्यालय के स्काउट भवन में बच्चों के लिए स्थापित किए गए कॅरियर काउंसि¨लग केंद्र को शासन ने सराहा है। जिले में किए गए अभिनव प्रयोग को अन्य जनपदों के डीआइओएस से सीख लेकर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने के लिए कहा गया है। वहीं डीएम ने काउंसि¨लग केंद्र में निगाह टिका दी है। डीएम ने डीआइओएस से कहा है कि वह इसके लिए वृहद पैमाने पर कार्य योजना तैयार कर रहे हैं जिसमें प्रशिक्षकों को यह दिशा निर्देश दिए जाएंगे कि कॅरियर को संवारने के लिए बच्चों को क्या टिप्स दिए जाने हैं। कक्षाओं के संचालन के दिन वह एक राउंड अवश्य करेंगे।

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स्काउट भवन की इमारत के ऊपरी हाल में बच्चों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के टिप्स दिए जाएंगे। इतना ही नहीं इंटर पास करने जा रहे बच्चों को यह भी बताया जाएगा कि किस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और आने वाला समय किस क्षेत्र का स्वर्णिम युग होगा। जिसके आधार पर वह क्षेत्र का चयन कर सकते हैं। मसलन इंजीनिय¨रग के क्षेत्र में कहां पर इंस्टीट्यूट हैं, कितने समय की पढ़ाई है, इंजीनिय¨रग के क्षेत्र कौन कौन से हैं, मौजूदा समय में किस क्षेत्र की इंजीनियर की मांग है। इसके साथ ही छात्रवृत्ति और राष्ट्रीय प्रतिभा खोज जैसी तैयारियां करवाई जाएंगी। डीआइओएस महेंद्र प्रताप ¨सह ने बताया कि कॅरियर काउंसि¨लग केंद्र खोले जाने की सूचना शासन को भेजी गई थी। जिसके लिए सराहना की गई है। डीएम खुद तैयारियों का ब्यौरा तैयार करवा रहे हैं जिसके आधार पर बच्चों को कॅरियर की सलाह दी जाएगी। कक्षाओं में वह खुद प्रतिभाग करके पड़ताल करेंगे और टिप्स देंगे।

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राष्ट्रीय प्रतिभा खोज में 200 सीटें हैं चयनित

राष्ट्रीय प्रतिभाग खोज में हाईस्कूल पास करने के बाद परीक्षा में बैठा जा सकता है। यह छात्रवृत्ति योजना अब तक की सबसे बड़ी योजना है। जिसमें विद्यार्थी को जब तक वह पढ़ाई करता रहेगा 14,000 रुपये प्रतिवर्ष शासन की ओर से मिलेंगे। यह योजना परास्नातक और शोध कार्य तक लागू रहती है। शासनादेश के मुताबिक जिले के 200 मेधावियों को यह राशि दी जा सकती है। अब तक दहाई में यह संख्या नहीं पहुंच पा रही है।


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