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धान खरीद में सत्यापन पर लगी रोक से किसानों को मिली राहत

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : आनलाइन पंजीयन व सत्यापन की अनिवार्यता से ठिठकी धान खरीद को गति

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:58 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:58 PM (IST)
धान खरीद में सत्यापन पर लगी रोक से किसानों को मिली राहत
धान खरीद में सत्यापन पर लगी रोक से किसानों को मिली राहत

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : आनलाइन पंजीयन व सत्यापन की अनिवार्यता से ठिठकी धान खरीद को गति देने के लिए आखिर शासन कोनियमों में ढील देनी पड़ी। सौ ¨क्वटल तक की खरीद में सत्यापन की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। पंजीकृत किसान खसरा-खतौनी के आधार पर अपने धान की बिक्री सरकारी केंद्रों में कर सकते है। किसानों के मिली इस राहत से पंद्रह दिन से ठप पड़ी खरीद को गति मिलने लगी है। गुरुवार को पांच ¨क्वटल से अधिक धान की खरीद होने से अधिकारियों के चेहरे खिले हुए है और वह सहकारी समिति सहित अन्य एजेंसियों के बंद केंद्र खुलवाने की कवायद शुरू कर दिया है।

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धान खरीद में बिचौलियों की दखल को समाप्त करने के लिए शासन ने इस बार आनलाइन पंजीकरण के साथ सत्यापन को अनिवार्य किया था। राजस्व विभाग को किसानों के दिखाए गए रकबा का मौके पर जाकर सत्यापन कराना था। एसडीएम की रिपोर्ट मिलने के बाद ही धान की खरीद होनी थी। एक नवंबर से चालू धान खरीद केंद्रों में सत्यापन का अड़ंगा इस कदर लगा कि पंद्रह दिन में धान खरीद निल रही। पूरे प्रदेश में ठिठकी धान खरीद को गति देने के लिए शासन ने नियमों में परिवर्तन करते हुए सौ ¨क्वटल की खरीद में सत्यापन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। सौ ¨क्वटल तक धान किसान पंजीयन कराने के बाद खसरा-खतौनी दिखाकर किसी भी केंद्र में बेंच सकता है। सत्यापन में राहत मिलने के साथ ही केंद्रों में धान खरीद में तेजी आने लगी है। किसानों का कहना है कि पंजीयन कराने के दस से पंद्रह दिन बाद ही सत्यापन आ पाता है, ऐसे में वह केंद्रों में भटकते रहते है।

बिचौलियों के लिए खुला रास्ता

शासन ने किसानों को राहत देने के लिए नियम शिथिल किए हैं लेकिन इसका लाभ लेने के लिए बिचौलिए फिर से केंद्रों में सक्रिय हो गए है। खरीद एजेंसियों को भी नई व्यवस्था रास नहीं आ रही थी, यही कारण है कि जिले में नैफेड, एफसीआइ व समितियों ने इस बार केंद्र संचालित करने से ही मना कर दिया था। यह माना जा रहा है कि सत्पापन में छूट मिलने पर समितियां अपने केंद्र चालू कर सकती है। केंद्र पर हो जाएगा पंजीयन

डिप्टी आरएमओ रमेश कुमार ने बताया कि शासन के निर्देश पर गुरुवार से सौ ¨क्वटल तक की खरीद बिना सत्यापन के शुरू कर दी गई है। इससे अधिक धान की बेंचने वाले किसानों को सत्यापन रिपोर्ट आ जाने का इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र में तत्काल पंजीयन की सुविधा किसानों को दी जा रही है। सत्यापन में छूट तो है लेकिन आनलाइन पंजीयन जरूरी है।


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