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खाली पेट न करें काढ़ा का सेवन, गुनगुना पानी पीएं

संवाद सहयोगी खागा आयुर्वेद का तात्पर्य जीवन के भौतिक मौलिक मानसिक तथा आत्मिक ज्ञान से है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 06:10 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 06:10 PM (IST)
खाली पेट न करें काढ़ा का सेवन, गुनगुना पानी पीएं
खाली पेट न करें काढ़ा का सेवन, गुनगुना पानी पीएं

संवाद सहयोगी, खागा : आयुर्वेद का तात्पर्य जीवन के भौतिक, मौलिक, मानसिक तथा आत्मिक ज्ञान से है। आयुर्वेद विज्ञान और स्वस्थ्य जीवन जीने की कला का सटीक संयोजन है। आयुर्वेदिक उपचार, घरेलू नुस्खों से तैयार काढ़ा तथा दैनिक प्राणायाम से शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कोरोना संक्रमण से निपटने में यह सभी उपाय कारगर हैं।

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नगर के आयुर्वेदिक चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. नीलेंद्र कुमार ने बताया कि संक्रमण का पता चलते ही पीड़ित व्यक्ति व उसके परिवार में घबराहट का माहौल बन जाता है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। घबराहट से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। संक्रमण से बचाव में जागरूकता बेहद जरूरी है। घर से बाहर निकलने पर हमेशा मास्क का प्रयोग करें। बार-बार साबुन से हाथ धोते रहें। इसके बावजूद यदि संक्रमण हो जाता है तो उसका घर पर ही निदान संभव है। सर्दी, जुकाम, बुखार, जकड़न, गले में खरास तथा खांसी की समस्या आने पर गिलोय के साथ तैयार होने वाला काढ़ा बहुत उपयोगी है। गिलोय, सोंठ, मुलेठी, अश्वगंधा चूर्ण, दालचीनी, अदरक, लौंग, काली मिर्च तथा तुलसी के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर इन्हें उबाल लें। तैयार काढ़े की आधी मात्रा शेष रहने पर छानकर उसे गुनगुना पीने से लाभ होता है। काढ़े का सेवन करने के 15 मिनट बाद तक पानी न पीएं। खाली पेट काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए। सुबह तथा रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सीने तथा गले में जकड़न होने पर गुनगुने का पानी का सेवन दिन में पांच से छह बार जरूर करें। एक भगोना गर्म पानी में एक चम्मच अजवाइन, सेंधा नमक डालकर भाप लेने से लाभ मिलता है। संक्रमण समझ आने पर गला सूखा न रहने दें। थोड़ी-थोड़ी देर में पानी का सेवन करते रहें। गला सूखा होने पर संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। योग को दिनचर्या में शामिल करके संक्रामक बीमारियों को लंबे समय के लिए हराया जा सकता है।


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