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खजुहा की कोठरी तिजोरी में मिली जिला पंचायत की रसीदें

संवाद सहयोगी, ¨बदकी : पुरातात्विक महत्व के ऐतिहासिक कस्बे खजुहा में कोठरी में मिली तिजोर

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 11:03 PM (IST)
खजुहा की कोठरी तिजोरी में मिली जिला पंचायत की रसीदें
खजुहा की कोठरी तिजोरी में मिली जिला पंचायत की रसीदें

संवाद सहयोगी, ¨बदकी : पुरातात्विक महत्व के ऐतिहासिक कस्बे खजुहा में कोठरी में मिली तिजोरी को कड़ी सुरक्षा के बीच तहसील के खजाने में पुरातत्व विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में खोला गया। तिजोरी में चांदी की दो पायल, तहबीज व मूंगे के अलावा कुछ कागजात मिले हैं। पुरातत्व विभाग इन सभी का अध्ययन करेगा।

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शनिवार को खजुहा कस्बे में रहने वाले राज कुमार गुप्ता उर्फ ¨पटू व सतीश गुप्ता उर्फ मुन्ना के मध्य विवादित कोठरी के अंदर तिजोरी मिलने के बाद प्रशासन ने इसे कब्जे में लेकर तहसील के खजाने (कोषागार) में रखवा दिया गया था। सोमवार को अपरान्ह 3 बजे कार्यवाहक एसडीएम प्रमेश कुमार श्रीवास्तव, तहसीलदार न्यायिक डीपी ¨सह, इंपेक्टर नरेंद्र ¨सह के अलावा लखनऊ से पुरातत्व विभाग से आए सहायक पुरातत्व विद डा. समून अहमद, वरिष्ठ संरक्षण सहायक मनोज वर्मा, अवर संरक्षण सहायक दीपक कुमार चौधरी व खजुहा स्मारक संरक्षक कुंवरपाल ¨सह ने मौजूदगी में तिजोरी को खोला गया। तिजोरी की चाभी मिलान न होने पर इसे पेचकस, छेनी व हथौड़ी से तोड़ना पड़ा। तिजोरी के अन्दर एक लॉकर और तीन अन्य खाने सामान रखने के बने मिले। सहायक पुरातत्व विद समून अहमद ने बताया यह तिजोरी 1950 के आसपास की है। इसमें जिला पंचायत की कुछ रसीदें मिली हैं। इसके अलावा तहबीज, दो पायल व मूंगा नुमा सफेद दाने मिले हैं। तिजोरी के आकार को दर्ज किया गया है। सभी के फोटोग्राफ ले लिए गये हैं। इनका अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। तिजोरी को फिर से सील कर खजाने सामान सहित रख दिया गया है। तिजोरी को खोलने के दौरान दोनों पक्षों के अलावा खजुहा प्रधान पति राजन गुप्ता, धर्मेद्र उत्तम भी मौजूद रहे। डीएम के आदेश से मिलेगी तिजोरी

तिजोरी को लेकर दोनों पक्ष सतीश व राजकुमार दावा कर रहे हैं। सहायक पुरावत्व विद डा. समून अहमद ने बताया जांच के बाद इसकी रिपोर्ट डीएम को भेजेंगे। इसके बाद डीएम जिसके पक्ष में चाहेंगे तिजोरी को रिलीज कर सकते हैं। तिजोरी लेने के लिए लिखित दावा करना होगा। हालांकि तिजोरी में जिला पंचायत के मिले कागजात में रामलाल नाम दर्ज है। कार्यवाहक एसडीएम प्रमेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा तिजोरी को फिर सील कर खजाने में सुरक्षित रखवा दिया गया है।


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