रक्षासूत्र ने मिटा दी हिंदू- मुस्लिम की दूरी
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : एक बार फिर शहर के आब ओ हवा में सुगंध बिखरी नजर आई। रक्ष
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : एक बार फिर शहर के आब ओ हवा में सुगंध बिखरी नजर आई। रक्षा सूत्र बांधने के इस पर्व में हिंदू और मुस्लिम एकता की ऐसी मिठास घुली कि चारों तरफ केवल खुशियों के ही दीदार होते दिखाई दिए। मुस्लिम बहनों ने ¨हदुओं के यहां जाकर राखी बांधी वहीं ¨हदू भाई भी मुंहबोली बहनों को प्यार व दुलार का उपहार भेंट कर एकता को मजबूत किया। शहर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बाकरगंज, लालाबाजार, महाजरी आदि में त्योहार को लेकर खासी चहल-पहल रही।
वैसे सुबह से ही स्नेह व संकल्प की राखी कलाई में बांध बहना ने जैसे ही माथे में रोली तिलक लगाया भाइयों के मन में प्यार-दुलार का समुंदर उमड़ पड़ा। भाइयों के लिए लंबी उम्र की कामना कर बहनों ने मुंह मीठा कराया। बदले में भाइयों ने बहनों का मनचाहा उपहार भेंटकर आशीर्वाद लेने के साथ इस प्यार के बंधन को जीवन भर निभाने का वादा किया। इस बार राखी बांधने के लिए पूरे दिन का मुहुर्त होने से सुबह से शाम तक उल्लास के बीच बहनें राखी बांधती दिखाई दी।
श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षा सूत्र बांधने की पुरानी परंपरा आज भी रिश्तों की मजबूती व संस्कारों को चटख कर रही है। यूं तो एक सप्ताह से रक्षाबंधन मनाने की तैयारियां चल रही है। रविवार को जैसे ही वह शुभ दिन आया बाजार में हर तरफ राखी की ही खुशियां इतराती देखी गई। सुबह सात बजे से ही राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया। कहीं बहने भाइयों के घर आईं तो कहीं भाई बहनों के घर जाकर राखी बंधवाई। बहनों ने थाली में तरह-तरह की मिठाई सजाकर भाइयों के सामने रख दिया। पंसद राखी कलाई में बांधी और तिलक लगाकर भाइयों की लंबी उम्र की कामना की। राखी बांधने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। गहना, साड़ी व अन्य उपहार देकर भाइयों ने बहनों की रक्षा का संकल्प लिया। बहनें घर आईं तो खुशियां दूनी हो गई।