Move to Jagran APP

इंसुलेटर केबल से विभाग रोकेगा बिजली की चोरी

जागरण संवाददाता फतेहपुर गांवों में कनेक्शन कम और कटिया ज्यादा हैं। नतीजा कि जिले में

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 06:22 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 06:22 PM (IST)
इंसुलेटर केबल से विभाग रोकेगा बिजली की चोरी
इंसुलेटर केबल से विभाग रोकेगा बिजली की चोरी

जागरण संवाददाता फतेहपुर : गांवों में कनेक्शन कम और कटिया ज्यादा हैं। नतीजा कि जिले में 37 फीसद लाइन लास (बिजली चोरी) होती है। अब इसे रोकने के लिए विभाग एक और तरीका इजाद किया है। इसमें पहले चरण 427 गांवों में इंसुलेटर केबल लगाए जा चुके हैं। अब 637 गांवों में यह केबल और लगाना बाकी है। इसके लिए बिजली विभाग को 45 करोड़ की धनराशि मिली है। अगले दो माह में यह काम अवशेष गांवों में पूरा कराया जाएगा।

loksabha election banner

अभी तक इन गांवों में लोहे के तार लगे थे, जिसके कारण जिसका जहां मन आया वहीं कटिया फंसाकर बिजली चोरी कर लेता था। यह तार जगह जगह से टूटते थे तो फाल्ट के कारण आपूर्ति भी बाधित होती थी। अब इंसुलेटर केबल लगेगा और हर खंभे में मीटर बोर्ड लगाकर उसी से बिजली घरों तक पहुंचाई जाएगी। मीटर बोर्ड से उन्हीं लोगों को बिजली मिलेगी, जिन्होंने कनेक्शन ले रखा है। इंसुलेटर तार को दूसरी कहीं काटा या छीला जाएगा तो संबंधित व्यक्ति को मुकदमे के दायरे में लिया जाएगा। इस सुविधा से गांव-गांव बिजली चोरी रुक जाएगी। जहां एक हजार कम आबादी वहां इंतजार

गांव-गांव इंसुलेटर केबल लगाने के लिए कुल 1,064 गांव लिए गए हैं। इन गांवों की आबादी एक हजार से ज्यादा है। अभियान के पहले चरण में 427 गांवों में तार लगाने का काम पिछले वर्ष पूरा हो गया था। इसके बाद भी एक हजार की अधिक आबादी वाले अब भी 637 गांव शेष हैं। देवमई और अमौली पहले पूरा होगा काम

बिजली विभाग ने इंसुलेटर केबल लगाने के लिए अमौली व देवमई ब्लाक को प्राथमिकता पर लिया है। पहले इन ब्लाकों के गांवों में इंसुलेटर केबल लगेगा। इसके बाद मलवां, खजुहा, तेलियानी, भिटौरा, बहुआ, हसवा, असोथर, हथगाम, विजयीपुर, धाता और ऐरायां ब्लाक के गांवों में काम होगा। 45 करोड़ मिले, काम जारी

एसई राकेश कुमार ने बताया कि इंसुलेटर केबल लगाने के लिए 45 करोड़ की धनराशि मिली है। इसके लिए काम चालू है। अगले दो महीने में जिले से वह सभी गांव इंसुलेटर युक्त हो जाएंगे जहां की आबादी एक हजार या इससे अधिक है। अगले चरण में छोटी आबादी वाले गांव लिए जाएंगे। यह कार्य एडीवी योजना से कराए जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.