समितियों से डीएपी खत्म, अफसर बोले 65 सौ एमटी का स्टाक
जागरण टीम फतेहपुर अक्टूबर से नवंबर के बीच रबी फसलों की बुआई होती है ऐसे में डीए
जागरण टीम फतेहपुर : अक्टूबर से नवंबर के बीच रबी फसलों की बुआई होती है, ऐसे में डीएपी खाद की बड़ी आवश्यकता होती है। अब जब मटर, सरसों, आलू व गेहूं की बुआई के लिए किसान डीएपी खाद की व्यवस्था कर रहा है, तो अधिकांश समितियों में डीएपी खाद नहीं है, जबकि अफसर जिले में 6500 मीट्रिक टन (एमटी) खाद मौजूद होने की दलील दे रहे हैं।
किसानों के लिए खुली एग्रीजंक्शन, इफको बिक्री केंद्र व आइएफडीसी के सेंटरों में डीएपी खाद मौजूद है। लेकिन संचालक बिक्री करने में खेल कर रहे हैं। जिन सेंटरों के पास खाद मौजूद है वह चुपचाप ओवर रेटिग कर बिक्री कर रहे हैं। जुगाड़ वाले किसान इसका लाभ भी उठा रहे हैं, लेकिन आम किसानों के लिए खाद के लिए नो स्टाक का बोर्ड लगा दिया गया है। ऐसे में किसान हर तरफ परेशान होकर घूम रहा है। कंसापुर के किसान देवमणि दुबे, प्रदीप दुबे, रामनगर कौहन के अतुल सिंह, कठौता के मन्नूलाल, जरौली के रामलखन निषाद, घाटमपुर के स्वामीदीन निषाद का कहना है कि पिछले चार दिन से जमुना किनारे की समितियों में चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं भी डीएपी की खाद नहीं मिल रही है। निजी दुकानों में खाद मौजूद है, लेकिन वह लोग महंगे दाम में खाद दे रहे है। सीन-1
असोथर में खाद गायब, किसान परेशान
साधन सहकारी समिति असोथर में डीएपी खाद नहीं है। यहां के सचिव मृदुल तिवारी का कहना है कि किसान आ रहे हैं, लेकिन खाद नहीं है तो वापस किया जाता है। डिमांड जिले भेजी गई है। रैक आने पर खाद दिए जाने का आश्वासन दिया गया है। सीन-2
मल्हीपुर में डीएपी का अकाल
सहकारी समिति मल्हीपुर में एक माह से डीएपी खाद नहीं है। यहां हर दिन 20 से 25 किसान खाद के लिए लौट रहे हैं। यहां के सचिव पुत्तन सिंह का कहना है कि खाद की उपलब्धता नहीं है। किसानों को यही जानकारी दी जा रही है। जल्द खाद मिलेगी तो बांटी जाएगी।
स्थिति पर एक नजर
डीएपी की जरूरत ---32 हजार एमटी
वर्तमान उपलब्धता--6500 एमटी
जिले में 6500 एमटी डीएपी खाद मौजूद है। समितियों को भी खाद दी गई है, अगर कहीं भी कालाबाजारी या ओवररेटिग की जा रही तो छापेमारी करके कार्रवाई की जाएगी।
बृजेश सिंह जिला कृषि अधिकारी