भाई की कलाई के साथ मरीजों की भलाई की फिक्र
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना में फ्रंटलाइन वारियर्स चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी कर्मचारी-अ
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: कोरोना में फ्रंटलाइन वारियर्स चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी कर्मचारी-अधिकारी बहनों को भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधने के पहले मरीजों की भलाई की भी फिक्र है। तभी तो इस संक्रमण काल में अपनी ड्यूटी के प्रति पूरी तरह से पाबंद हैं। समर्पण व सेवा की भावना ऐसी है कि ज्यादातर बहनों ने भाई को राखी डाक से भेज दी है और स्वयं ड्यूटी में लगी हैं।
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डाक से भेजी राखी
आयुर्वेदिक अस्पताल में तैनात डॉ. पूजा शर्मा कहती हैं कि उन्होंने अपने भाइयों को डाक से ही राखी भेज दी है। कोरोना संक्रमण काल में भाइयों को भी आने से मना कर दिया है। अब तो इस महामारी से पहले मुकाबला करना है और लोगों को संक्रमण से बचाना हमारी प्राथमिकता है। राखी बांधकर पहुंचेगी अस्पताल
स्टाफ नर्स ऊषा परिहार ने कहा कि रक्षाबंधन का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार पूरी सावधानी के साथ मास्क व शील्ड लगाकर भाई के राखी बांधेंगे। इसके बाद तुरंत अपनी ड्यूटी के लिए अस्पताल पहुंचेंगे। निश्चित रूप से इस संक्रमण काल में हम लोगों का दायित्व बढ़ जाता है।
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मरीजों की सेवा हमारा पहला कर्तव्य
रीता पाल ने कहा कि मरीजों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है। रक्षाबंधन पर भाइयों से मिलने की बेसब्री रहती है और इनसे बातचीत में बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। अबकी हमें सब्र करना पड़ेगा। भाइयों को पहले ही राखी डाक से भेज दी हैं। मरीजों में नजर आता है भाई का चेहरा
स्टाफ नर्स किरन राना ने कहा कि हमें तो मरीजों में भाई का ही चेहरा नजर आता है। सभी सिस्टर कहकर ही बुलाते हैं। ऐसे में भला हम बहनें इन भाइयों को कैसे छोड़ सकते हैं। वैसे अपने भाई को रक्षासूत्र पहले ही डाक से भेज दिया है और बोल भी दिया है कि अबकी कतई न आना।