एफसीआइ में चावल की अनलोडिग में वसूली की जांच करेगी कमेटी
जागरण संवाददाता फतेहपुर धान केंद्रों से धान लेकर उसकी कुटाई करने के बाद मिलर्स चावल
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: धान केंद्रों से धान लेकर उसकी कुटाई करने के बाद मिलर्स चावल वापस एफसीआई को देते हैं। धान कुटाई का पैसा मिलर्स को सरकार देती है, लेकिन अब मिलर्स ने एफसीआई के ठेकेदारों व कर्मचारियों पर धांधली का आरोप लगाया है। मिलर्स का दावा है कि गोदाम में चावल की गाड़ी अनलोड करने के बदले ढाई हजार का सुविधा शुल्क मांगा जाता है। सीडीओ ने प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित की है। अब यह कमेटी जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
उद्यमी व यूपी राइस मिल एसोसिएशन के मनोज गांधी ने सीडीओ से शिकायत करते हुए प्रकरण जांच की मांग की थी। जिसके बाद सीडीओ ने मामले में कमेटी गठित करते हुए कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। सीडीओ ने कमेटी में एसडीएम सदर प्रमोद झा व डिप्टी आरएमओ रमेश कुमार को जगह दी है। निर्देश दिया है कि उक्त प्रकरण की जांच वह स्वयं करें और हकीकत को सामने लाए। वसूली कौन कर रहा है, और कितने पैसे की वसूली हो रही है जांच में यह बाते स्पष्ट की जाए। अगर जांच में कोई भी दोषी पाया जाता है तो उक्त के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी की जाएगी। कमेटी गठित होने के बाद मील में हड़कंप मचा हुआ है।
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मिलर्स भी कर रहे मनमानी
-एफसीआइ को दिए जाने वाले चावल में मिलर्स भी मनमानी कर रहे हैं। बातते हैं कि मिलर्स वह चावल एफसीआई पहुंचा रहे हैं, जो बिहार व अन्य राज्यों का है। ताजा कुटाई वाला वाला चावल एफसीआई को कम मात्रा में दिया जाता है। हालांकि इस ओर फिलहाल अफसरों का ध्यान नहीं है।