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बाल वैज्ञानिक ने बनाई कैंसर जांचने की डिवाइस-दवाएं

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : उम्र महज 14 वर्ष, शिक्षारत हाईस्कूल में लेकिन सोच देश और समाज के

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 11:00 PM (IST)
बाल वैज्ञानिक ने बनाई कैंसर जांचने की डिवाइस-दवाएं
बाल वैज्ञानिक ने बनाई कैंसर जांचने की डिवाइस-दवाएं

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : उम्र महज 14 वर्ष, शिक्षारत हाईस्कूल में लेकिन सोच देश और समाज के लिए कुछ करने की। इस होनहार छात्र ने एक साल कड़ी मेहनत कर कैंसर जैसी बीमारी को जांच के लिए सस्ती डिवाइस की खोज कर डाली है। इसके साथ ही उसने आयुर्वेद और रासायनिक तत्वों को मिलाकर कैंसर की बीमारी पर विजय पाने का फार्मूला खोजकर राज्य स्तरीय बाल कांग्रेस में जगह बनाई। गाजियाबाद में आयोजित स्टेट स्तरीय प्रतियोगिता में बच्चे की खोज ने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों को दंग कर दिया। छात्र अब अपनी खोज का प्रदर्शन राष्ट्रीय बाल कांग्रेस में करेगा।

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शहर के सिविल लाइन पत्थर कटा चौराहे के पास रहने वाले राजेश कुमार शुक्ला-कंचन शुक्ला के होनहार पुत्र वैभव स्थानीय सेंट जेवियर्स स्कूल में कक्षा 10 के छात्र हैं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर शोध को लेकर लोगों को सहसा विश्वास नहीं हुआ तो डिबेट में दोबारा अपनी कुशाग्र बुद्धि का परिचय देकर वैभव ने जिले का नाम रोशन किया। सोमवार को प्रतियोगिता से लौटे बाल वैज्ञानिक वैभव ने बताया कि समाज में कैंसर की बढ़ती बीमारी और महंगे इलाज ने सोचने को विवश कर दिया। एक साल की अथक मेहनत के बल पर यह मुकाम पाया। उसने बताया कि इस काम में सहयोगी के रूप में आदित्य कुमार और शिखर चौधरी को शामिल करते हुए खुद ग्रुप लीडर बना। इसके बाद सभी की सोच को तीन बार शोध में गुजारा। उसने बताया कि तीस रुपये की डिवाइस में नमूना रक्त से कैंसर प्लाज्मा निकालने के लिए खराब सीडी, एक धागा, दो प्लास्टिक ट्यूब, ग्लायकोरेंट एसिड, कोनिकल फ्लास्क है। इससे बनाई गई प्लाज्मा की जांच से कैंसर की स्टेज तक जानी जा सकती है। इसके अलावा उसने तीन तरह की मेडिसिन का फार्मूला आयुर्वेद एवं रसायन के मिश्रण से तैयार किया है। ये रासायनिक माध्यम के बनी दवाओं की अपेक्षा फेफड़ा, स्तन और ओरल कैंसर में जल्द कारगर होंगी। उन्होंने बताया कि डिवाइस से मलेरिया और टायफाइड की भी जांच की जा सकती है।

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सस्ता इलाज चुने सरकार

वैभव कहते हैं कि कैंसर का इलाज खासा महंगा है। इसके लिए उन्होंने सस्ता इलाज खोज निकाला है। उनकी मंशा है वह इसी तरह के शोध करेंगे और सरकार से अपेक्षा है कि वह ऐसे इलाज को सर्वसुलभ कराए ताकि जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके। गणित को पसंदीदा विषय बताने वाले इस छात्र के पास जीव विज्ञान विषय में दक्षता है।


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