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चांदू मियां की दरगाह पर चढ़ाई चादर, बरसाए फूल

जागरण संवाददाता फतेहपुर मुहर्रम की दसवीं इस बार कोरोना के चलते सांकेतिक तौर पर मन

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 05:47 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 05:47 PM (IST)
चांदू मियां की दरगाह पर चढ़ाई चादर, बरसाए फूल
चांदू मियां की दरगाह पर चढ़ाई चादर, बरसाए फूल

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मुहर्रम की दसवीं इस बार कोरोना के चलते सांकेतिक तौर पर मनाई गई। शुक्रवार को हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों के कर्बला-ए-जंग के मैदान में शहादत की याद में चांदशाह तकिया रोड स्थित चांदू मियां इमामबाड़े में मशहूर ताजिया नहीं रखा गया। इस पर सुन्नी समुदाय के अकीदतमंद बुजुर्ग, महिलाएं, युवा व बच्चे फूलों की माला लेकर दरगाह में चढ़ाकर खीर-खोटिहा व मीठे चावल का फातिहा पढ़ा। वहीं, मुराद पूरी होने पर दरगाह में चद्दर चढ़ाई गई। अकीदतमंदों को लाइन से जियारत कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल मुस्तैद रहा।

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कोरोना की वजह से शासन ने सार्वजनिक जगहों पर ताजिया निकालने पर पाबंदी लगा दी थी। इसलिए जिले भर में कहीं भी ताजिया नहीं निकली। अलबत्ते अकीदतमंदों ने घर में ही कुरानख्वानी कर फातिहा पढ़ी। नवीं मुहर्रम की रात से दसवीं मुहर्रम को दिन भर चांदशाह तकिया स्थित चांदू मियां इमामबाड़े के दरगाह में मन्नत मांगकर धागा बांधने व मुराद पूरी होने पर चादर चढ़ाने के लिए अकीदतमंद आते रहे। क्योंकि, इस बार चांदूमियां इमामबाड़े में मशहूर ताजिया नहीं रखा गया था। काजी-ए-शहर अब्दुल्लाह शहीदुल इस्लाम और शहरकाजी मौलाना कारी फरीदउद्दीन कादरी ने कहा, शासन व प्रशासन की गाइड लाइन का पालन कर जिले भर में ताजिया नहीं निकाली गई। कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से शहादत मनाई गई। अकीदतमंदों ने रखा यौमे आशूरा का रोजा

कर्बला-ए-जंग के मैदान में इमामे हुसैन व उनके साथियों की शहादत के दिन नवीं से दसवीं मुहर्रम तक अकीदतमंदों ने यौमे आशूरा का रोजा रखा। देर शाम अकीदतमंदों ने रोजा खोलकर खीर-सेवईं, शर्बत-मीठे चावल व खोटिहा में फातिहा पढ़कर गरीबों में लंगर किया। वहीं बिदकी बस स्टाप कर्बला में अकीदतमंदों ने खोटिहा में फातिहा पढ़कर शहादत-ए-कर्बला को याद किया। हुसैनी सदाओं में शिया समुदाय की मजलिस

शहर के बाकरगंज, अलीगंज व कजियाना मुहल्ले में शिया समुदाय ने घरों में मातम, मजलिस व फातिहा पढ़कर गरीबों में लंगर किया। नसीर हुसैन व रजा हुसैन ने घर के हाते में अलम जुलूस लेकर हाय हुसैन-हाय हुसैन के अल्फाजों के बीच मजलिस की। मजलिस में सुहैल जाफरी, फरत हुसैन, आशीर अब्बास आदि अकीदतमंद मौजूद रहे।


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