नहरें सूखी पड़ी, तालाबों से उड़ रही धूल
संवाद सूत्र धाता गर्मी बढ़ने के साथ ही नदी पोखर और तालाबों का पानी सूखने लगा है। कई जगहो
संवाद सूत्र, धाता: गर्मी बढ़ने के साथ ही नदी, पोखर और तालाबों का पानी सूखने लगा है। कई जगहों पर पानी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। नहरों में पानी न आने से जहां किसान परेशान हैं, वहीं तालाब सूखे पड़े होने से पशु-पक्षियों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।
धाता क्षेत्र में बड़ी नहर के साथ ही इससे जुड़े रजबहों में महीनों से पानी नहीं आया। विजयीपुर, रक्षपालपुर, खखरेड़ू, डेंडासाई, भीमपुर, बिरधौलपुर, भूला, गलेहरा, बम्बुरार, देवरार, धाता, परसिद्धपुर, भुरचुनी, कबरहा, सोनारी, अढौली, बम्हरौली आदि गांवों में किसानों को सिचाई का पानी नहीं मिल पा रहा है। गन्ना, उर्द, मूंग व पिपरमेंट की फसलें पानी के बिना सूख रही हैं। इधर-उधर गड्ढों में जमा पानी निकालने के लिए किसान पंपिग सेट व दूसरे जतन करके काम चला रहे हैं। अंगद सिंह, राजेश सिंह, आंनद पाठक, रोहित उपाध्याय, मनोज सिंह, केशलाल प्रजापति, संदीप सिंह, गौरव सिंह आदि किसानों का कहना था नहरों में पानी न छोड़ने से किसानी बर्बाद हो रही है। कई बार अधिकारियों को इसके बारे में शिकायत देने का कोई प्रभाव नहीं हो रहा है। पहले चुनाव अब पानी कम होने की बात कहकर अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि नहर के पानी से बड़ी संख्या में लोग तालाब भरते थे। पानी न आने से तालाब भी सूखे पड़े हैं। गर्मी में पशु-पक्षियों को पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। जल स्तर नीचे खिसकने से गांवों में सरकारी हैंडपंप भी जबाब देने लगे हैं।
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नदियों में पानी कम होने से समस्या
समस्या के बारे में नहर विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश मिश्र का कहना था कि मौजूदा समय में विभागीय कार्यालय में क्लोजिग चल रही है। नदियों में पानी कम होने से भी नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। बहुत जल्द नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।