आधे पेट चारा खाकर गोवंशी जिदा, सर्दी से जा रही जान
जागरण टीम फतेहपुर 38 गोशालाओं को संचालित कर करीब नौ हजार गोवंशी पशुओं को संरक्ष
जागरण टीम फतेहपुर : 38 गोशालाओं को संचालित कर करीब नौ हजार गोवंशी पशुओं को संरक्षण दिया जा रहा है। चुनावी की रणभेरी बजी तो अफसर चुनाव में व्यस्त हो गए, प्रधान नेतागीरी में जुट गए और कर्मचारी निडर होकर मस्त हो गए। नतीजा गोशालाओं में गोवंशी पशुओं को भरपेट चारा तक नहीं मिल रहा है। आधा पेट चारा खाकर गोवंशी किसी तरह जिदा है, लेकिन लगातार बढ़ रही सर्दी के कारण कमजोर हो चुके गोवंशी बीमारियों से जकड़ गए हैं। कागज में भले ही उपचार जारी है, लेकिन असल में इन्हें डाक्टर देखने तक नहीं पहुंच रहे। सोमवार को डीएम अपूर्वा दुबे सभी 38 गोशालाओं में नोडल अफसर भेजे और सुधार कराने का निर्देश दिया। अफसरों के निरीक्षण में हर जगह सबकुछ ठीक मिला, यह बात अलग है कि हर गोशाला में गोवंशी कराह रहा है।
दृश्य-1
असोथर में 160 गोवंशी तार के घेरे के बीचबंद, चारा तक नहीं
ब्लाक के रामनगर कौहन ग्राम सभा के कंसापुर गांव में एक अस्थायी गोशाला में 160 गोवंशी तार का घेरा बनाकर बंद किए हैं। बीते डेढ़ माह से गांव के लोग इन्हें चारा-पानी दे रहे थे। ग्राम सभा भी सहयोग कर रही थी। लेकिन बीते पांच दिनों से यहां चारा बंद है। ग्राम सभा के पास पैसा नहीं और गोशाला सरकारी न होने के कारण चारा का पैसा नहीं मिल पा रहा है। दैनिक जागरण की पहल पर सीडीओ और बीडीओ ने इसका संज्ञान लिया है।
दृश्य-2
बहुआ की बनरसी में अधूरा मिला शेड, सचिव को प्रतिकूल प्रविष्ट
ब्लाक क्षेत्र के बनरसी में सौ गोवंशी की क्षमता है लेकिन मौके पर 70 गोवंशी है। सीडीओ सत्य प्रकाश, पीडी एमपी चौबे ने बीडीओ लालजी यादव व एडीओ अनूप सिंह के साथ गोशाला का निरीक्षण किया। यहां तीन गाय बीमार मिली जबकि गोवंशी के लिए निर्मित होने वाला शेड अधूरा था। नाराज सीडीओ ने सचिव रामकुमार को प्रतिकूल प्रविष्ट दी। यह बात अलग है कि यहां अफसरों के पहुंचने से पहले ही भूसा व हरे चारे का इंतजाम कर दिया गया था।
दृश्य-3
शहर में बीडीओ-लेखपाल पर हो कार्रवाई, भूख और सर्दी से बचाएं गोवंश
विश्व हिदू परिसर, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी के पदाधिकारियों ने विहिप के प्रांत महामंत्री वीरेंद्र पांडेय की अगुवाई में डीएम से मुलाकात की। लक्ष्मनपुर गोशाला में 27 बीमार गोवंशी व चार मरे गोवंशी प्रकरण पर लेखपाल व बीडीओ पर भी मुकदमा दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई मांगी। मांग उठाई कि हर गोशाला में गोवंशी के भूख व सर्दी से बचाव के इंतजाम किए जाएं। इस मौके पर शानू सिंह, हिमांशु दीक्षित, विष्णकांत समेत अनेक पदाधिकारी रहे।
दृश्य-4
बिंदकी में क्षमता ढाई सौ मौजूद चार सौ, खुले में कटतीं रातें
जय भोले गोशाला चकहाता में सुबह करीब 11 बजे देखा गया। यहां खुले आसमान के नीचे गोवंश भारी संख्या में खड़े मिले। अधिक गोवंश होने के कारण संसाधन बौने पड़ गए हैं। गोशाला की क्षमता 250 की है पर वर्तमान में 400 से अधिक गोवंशी बंद हैं। छाया के लिए तीन टीन शेड हैं, लकड़ी के पांच शेड अलग से बनाए गए हैं। फिर यह नाकाफी हैं। बारिश में यहां पर दलदल हो जाता है। जो सबसे बड़ी समस्या है। गोशाला में कपिला पशु आहार व भूसा बोरों में भरा रखा मिला।