बोर्ड परीक्षा टली, छात्र-अभिभावक चिता में डूबे
जागरण संवाददाता फतेहपुर अधकचरी पढ़ाई के बाद घोषित यूपी बोर्ड परीक्षा की तिथियों
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : अधकचरी पढ़ाई के बाद घोषित यूपी बोर्ड परीक्षा की तिथियों के टाले जाने से अभिभावक और छात्र चिता में डूब गए हैं। परीक्षा की तैयारी में मेहनत करने वाले छात्र-छात्राएं शासन के निर्णय से खुश नहीं हैं। इनका कहना है कि परीक्षा देते तो मेहनत के अंक अर्जित करते अब तो सामान्य प्रक्रिया के तहत अंक मिलेंगे।
कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण के चलते स्कूलों का संचालन और बोर्ड परीक्षाएं टाल दी गई हैं। वहीं शिक्षक-प्रधानाचार्य भी इस बात को तवज्जो दे रहे हैं। पढ़ाई के साथ उच्च स्तरीय निर्णय सकारात्मक नहीं है।
पंचायत चुनाव को ज्यादा वरीयता दी जा रही है। परीक्षा को दोयम दर्जे का मानते हुए टाल दिया गया है जो अच्छा नहीं है।
आरोही मौर्या पढ़ाई का शेड्यूल तय है, जबकि पंचायत का बाद में तय किया है। ऐसी स्थिति में समय से पढ़ाई और परीक्षा होनी चाहिए थी।
मनोज तिवारी बिना परीक्षा के कक्षा में उत्तीर्ण किया जाना ठीक नहीं है। पढ़ाई राजनीति का शिकार हो गयी है।
हर्षिका सरकार का निर्णय कतई उचित नहीं है। परीक्षा के बजाए पंचायत चुनाव टालने की जरूरत थी। पंचायत चुनाव टालने से कुछ नहीं बिगड़ता।
अनुष्का अग्रहरि नए सत्र का नहीं रहा कोई मतलब, पढ़ाई होगी प्रभावित
शिक्षा विभाग का नया सत्र बेमतलब साबित हो रहा है। नए सत्र के भीतर परीक्षा कराकर परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने का दावा और प्रयास विफल हो गया है। पहली अप्रैल से शुरू हुआ सत्र अव्यवस्था का भेंट चढ़ गया है। बिना बोर्ड वाली कक्षाओं का संचालन शुरु होते ही तालाबंदी हो गई है। मई माह में अगर कोरोना थमता है तो फिर परीक्षाएं होंगी और फिर मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम घोषित करने में कम से कम डेढ़ माह का समय लग जाएगा। ऐसे में जुलाई माह से पहले शिक्षा का पटरी पर आ सकेगी।