बिल संसोधन का वर्षों से हो रहा खेल, लाखों के वारे न्यारे
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बिल संसोधन का वर्षों से हो रहा खेल, लाखों के वारे न्यारे
जागरण संवादाता, फतेहपुर : बिजली बिलों में खेल के आरोप में एसडीओ समेत चार अफसर शासन से निलंबित किए गए हैं। लेकिन असल में बिजली बिल का खेल वर्षों पुराना है। बिल संशोधन के नाम पर हर माह लाखों के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं। अब पोल खुल रही है तो बिजली विभाग में दहशत का माहौल है। दरअसल, बिल संसोधन का पूरे खेल के सूत्रधार बिजली अफसरों के दफ्तर में लगे संविदा कर्मी हैं। अधीक्षण अभियंता राकेश पांडेय कहा कहना है कि जांच चल रही है , दोषियों पर कार्रवाई तय कराई जाएगी।
बिजली के बिलों इस तरह होता खेल
उदाहरण के लिए अगर आपका बिल बकाया दो लाख रुपये है तो संविदा कर्मी इसे 35 हजार तक में संशोधित करा देते हैं, यह राशि जमा करने के बाद आपको 50 से 70 हजार सुविधा शुल्क अलग से देना होगा। फायदा यह है दो लाख के बिल के लिए एक लाख खर्च करने पड़ते हैं। सरकार के खाते में 35 हजार ही जाता है।
मीटर कर दिया जाता है खराब
सबसे पहले आपका मीटर खराब होने की सूचना आपसे दिलवाई जाती है। फिर इस पर जेई, एसडीओ जांच रिपोर्ट लगाते हैं। इसके बाद मीटर को विभाग में जमा कर दिया जाता है। अफसर यह मान लेते हैं मीटर लंबे समय से खराब था और न्यूनतम रीडिंग का बिल बनाकर दे दिया जाता है। जबकि असल में उपभोक्ता ने अधिक बिजली खर्च की होती है।
22 कर्मियों पर संकट के बादल
बिजली बिल में खेल करने में बिजली वितरण, मीटर अनुभाग, रीडर समेत कई कर्मचारी हैं जो जांच के दायरे में हैं। यह कर्मचारी बचाव के लिए हाथ पैर मार रहे हैं।