सावधानी बरत कर खुशियां बनाएं, सेहत बचाएं
जागरण संवाददाता फतेहपुर रसायनिक पदार्थों और बारूद के मिश्रण से बने पटाखों के फोड़े ज
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : रसायनिक पदार्थों और बारूद के मिश्रण से बने पटाखों के फोड़े जाने से पर्यावरण तो दूषित होता है। उसके साथ में बीमारियां घर करती हैं। प्रदूषण के चलते स्मॉग बढ़ जाता है और ये स्मॉग शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है इसके होने वाली बीमारियों में अस्थमा, फेफड़ों में इन्फेक्शन, एलर्जी आदि की संभावना बढ़ जाती है। त्योहार की खुशियों के लिए जरूरी है कि हम सभी सावधानी बरत कर मनाएं।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. अरविद सचान कहते हैं कि पटाखा फोड़ने से जब प्रदूषण फैलेगा तो वह स्मॉग बनकर शरीर के भीतर सांस के जरिए प्रवेश करेगा जिसमें सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों व बच्चों में होगी। इसलिए मास्क अवश्य पहने रहें। बचाव के लिए विटामिन ई व एंटी ऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। चिकित्सकों ने कहा कि बुजुर्ग व बच्चे वहां पर न खड़ें हो जहां पर पटाखे छुड़ाए जा रहे हों। इन सावधानियों को जरूरत बरतें। ------------------------
इन सावधानियों का करें पालन
- अधिक से अधिक पटाखों से दूरी बनाएं।
- तेज आवाज वाले पटाखों को न फोड़े।
- तेज पटाखों से हृदय और बच्चों को सबसे दिक्कत।
- पटाखे फोड़ते समय ढीले कपड़ों के बजाए चुस्त कपड़े पहनें।
- न छूटने वाले पटाखों को दोबारा हाथ लगाकर जोखिम न उठाएं।
- पटाखे फोड़ने के बाद तुरंत दूरी बनाकर रखें।
- नशे की हालत में पटाखे न फोड़ें और न फोड़ने दें।
- अधिक धमाके को कम करने के लिए इयर प्लग का इस्तेमाल करें।
- जहां पर पटाखा फोड़े जाएं उस स्थान पर बाल्टी अथवा डिब्बे में पानी भर कर रखें।
- त्योहार के दिन अनिवार्य रूप से अच्छी क्वालिटी का मास्क पहने।
- तेज धमाके से कान में सीटी बजने, सुनाई न देने पर 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को दिखाएं।
- पटाखे की बारूद से जलने पर स्वच्छ जल से धुलाई करें और तत्काल डॉक्टर के पास ले जाएं।