बिदकी में बावरिया की 2010 से है मौजूदगी
संवाद सहयोगी बिदकी बिदकी में बीते 11 साल से बावरिया की मौजूदगी है। बावरिया ने यहां अपना इ
संवाद सहयोगी बिदकी : बिदकी में बीते 11 साल से बावरिया की मौजूदगी है। बावरिया ने यहां अपना इतना मजबूत कर लिया है, कि जिसे भी वह टारगेट करता है घटना को अंजाम देकर निकल जाता है। और पुलिस हाथ मलते रह जाती है। हत्यायुक्त डकैती की तीन बड़ी वारदातें याद कर लोग कांप जाते हैं।
बिदकी में बावरिया ने खजुहा कस्बे में वर्ष 2010 में शिव शंकर अवस्थी के परिवार को निशाना बनाया था। यहां पर डकैती की घटना को अंजाम देने के साथ ही शिव शंकर व उनकी पुत्री रेनू अवस्थी की हत्या कर दी थी। वर्ष 2011 में चांदपुर थाने के अमौली कस्बे में बावरिया ने सराफ सियाराम ओमर के यहां डकैती डाली। यहां पर लाखों रुपये की जेवरात लूटने के दौरान सराफ की पत्नी मुन्नी देवी व पुत्र वेद प्रकाश की हत्या कर ली थी। वर्ष 2013 में बिदकी नगर के फरीदपुर रोड में मिलर्स भूपेंद्र उमराव के यहां डकैती पड़ी। इसमें घटना में उनकी मां सोमवती व पिता गया प्रसाद उमराव की हत्या कर दी गई थी। बावरिया ने बिदकी में एक के बाद घटना को अंजाम दिया। सभी घटनाओं को बावरिया ही प्रकाश में आया। गिरोह के कई साथी इन घटनाओं में जेल भी जा चुके हैं।
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-बदायूं और औरैया में गिरोह के ठिकाने तक पहुंचीं पुलिस टीमें
बिदकी : जहानाबाद कस्बे में 20 जुलाई को मुरली ज्वैलर्स के यहां हुई चोरी में बावरिया गिरोह के शामिल होने की जांच में जुटी पुलिस अब बावरिया के ठिकाने तक पहुंच चुकी है। पुलिस की टीमें औरैया, बदायूं व राजस्थान गिरोह के ठिकानों में उनकी हलचल पता कर रही हैं। उधर बावरिया गिरोह के जो दो सदस्य पुलिस के हाथ लगे हैं, उनके हुलिया का मिलान सीसीटीवी कैमरे में कैद चोरों से किया जा रहा है। पुलिस घटना के खुलासे के करीब पहुंच चुकी है। सीओ योगेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि घटना के खुलासे में लगी टीमों के हाथ अहम सुराग लगे हैं। घटना खुलासे के करीब है।