धनुष टूटते ही लगे जयकारे, सिया ने पहनाई वरमाला
संवाद सहयोगी खागा किशुनपुर कस्बे में शुरू रामलीला में बीती रात्रि धनुष भंग सीता स्वयंवर व ल
संवाद सहयोगी, खागा: किशुनपुर कस्बे में शुरू रामलीला में बीती रात्रि धनुष भंग, सीता स्वयंवर व लक्ष्मण-परशुराम संवाद की लीलाओं का मंचन किया गया। स्थानीय कलाकारों द्वारा किया गया मंचन देखने के लिए बड़ी संख्या में स्त्री-पुरूष दर्शक पंडाल में रात भर बैठे रहे।
कालिदी तट पर चल रहे लीला मंचन में बीती रात्रि राजा जनक ने सीता स्वयंवर के लिए शिव धनुष तोड़ने की प्रतिज्ञा रखी। सीता स्वयंवर में बड़ी संख्या में राजा पहुंचते हैं। जब कोई राजा धनुष पर प्रत्यंचा नहीं चढ़ा सका, तब मुनि विश्वामित्र की आज्ञा पाकर प्रभु श्रीराम ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते हुए उसे तोड़ दिया। भगवान श्रीराम और सीता का विवाह हो जाता है। वरमाला पहनाते समय महिलाओं के समूह ने श्रीरघुवर कोमल कमल नयन को पहनाओ वरमाला गीत गाकर खुशियां मनाई। इसके बाद रंगशाला में पहुंचे परशुराम व लक्ष्मण के बीच तीखा आध्यात्मिक संवाद होता है। भगवान परशुराम को इसी दौरान आभास होता है कि धनुष को भंग करने वाला कोई दिव्य पुरुष ही होगा। तब वह अपने धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए प्रभु श्रीराम से कहते हैं। भगवान राम धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा देते हैं। परशुराम का क्रोध शांत हो जाता है। रामलीला में संगीत की प्रस्तुति के साथ ही अनेक प्रसंग पर गीत संगीत की प्रस्तुति गायक कलाकारों के द्वारा दी गई। आखिर में भगवान परशुराम राम-लक्ष्मण को आशीर्वाद देकर चले जाते हैं। कमेटी अध्यक्ष राजेंद्र मिश्र ने बताया कि आयोजन में कोविड-19 संक्रमण का पूरी तरह से अनुपालन कराया जाता है। सुरक्षा के दृष्टिगत स्थानीय थाना पुलिस को पूरा सहयोग मिल रहा है। राजा अग्रवाल, रामबाबू जायसवाल, राजेंद्र प्रसाद शुक्ल, धनंजय सिंह, नितिन सिंह आदि लोग व्यवस्था में रहे।