पेशी कर आने वाले बंदियों की जेल में एंटीजन जांच शुरू
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस महानिदेशक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजी कारागार) आनंद कुमार के निर्देश पर जेल प्रशासन ने नई पहल शुरू कर दी है। इसके तहत अवकाश छोड़कर प्रतिदिन न्यायालय में पेशी पर जाने वाले बंदियों की वापसी होने पर चिकित्सकीय टीम उनकी एंटीजन जांच और थर्मल स्क्रीनिग की जा रही है।
जिला कारागार में वर्तमान समय विभिन्न आरोपों जैसे हत्या, डकैती, अपहरण, दुष्कर्म, दहेज हत्या, गैंगेस्टर, हिस्ट्रीशीटर, लूट, राहजनी, शराब तस्करी आदि के 1650 विचाराधीन बंदी व सजायाफ्ता कैदी 16 बैरकों में निरुद्ध हैं। इसमें 55 महिला बंदियों व 25 बाल बंदियों को अलग बैरकों में रखा गया है। कोरोना काल में इन बंदियों की ऑनलाइन पेशी होती थी लेकिन कोरोना काल खत्म होते ही प्रतिदिन 70 से 80 बंदियों को तारीख पड़ने पर पुलिस गाड़ी से पेशी में कोर्ट ले जाया जाता है।
डीजी जेल की नई व्यवस्था के तहत अब पेशी में जाने वाले बंदियों की शाम को वापसी होने पर पहले एंटीजन जांच होगी, उसके बाद ही वह कारागार के भीतर जा सकेंगे। डिप्टी जेलर अरूण कुशवाहा ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए बंदियों को बैरकों में दो गज दूर रखा जा रहा है और प्रत्येक बंदी को मास्क पहनने के साथ सफाई के लिए दो-दो साबुन भी मुहैया करा दिए गए हैं।
बुखार और खांसी वाले बंदी हॉस्पिटल में भर्ती
जिन बंदियों को बुखार और खांसी आ रही है उन बंदियों को जेल प्रशासन ने जेल अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है ताकि अन्य बंदियों को इससे एलर्जी न हो जाए। इस तरह के करीब 15 से 20 बंदियों की संख्या है। पुलिस महानिदेशक (जेल) आनंद कुमार व डीएम अपूर्वा दुबे के निर्देश पर नई व्यवस्था के तहत पेशी में जाने वाले बंदियों की वापसी होने पर सतर्कता बरतते हुए प्रतिदिन एंटीजन जांच कराई जा रही है। ताकि जेल के भीतर संक्रमण न फैल सके। पुलिस द्वारा भेजे जा रहे बंदियों को अस्थायी जेल (बाल कारागार) में रखा जा रहा है। जांच बाद ही उन्हें मुख्य कारागार में लिया जा रहा है।
-मो. अकरम खान, जेल अधीक्षक।