पशु अस्पताल खुद बीमार, भटक रहे पशु पालक
संवाद सूत्र थरियांव गांवों में पशुओं को बीमारी से बचाया जा सके इसके लिए कस्बे में राजकीय
संवाद सूत्र, थरियांव : गांवों में पशुओं को बीमारी से बचाया जा सके इसके लिए कस्बे में राजकीय पशु चिकित्सालय वर्षों पहले बना था। देखरेख के अभाव में अब यह पशु अस्पताल जर्जर हो चुका है और यहां की सेवाएं बीमार हैं। नतीजा कि आसपास के गांव तो छोड़िए खुद रामपुर थरियांव गांव के पशुपालकों को ही अस्पताल की सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
हसवा ब्लाक के रामपुर थरियांव में पशु अस्पताल खुला है। अस्पताल में विद्युतीकरण न होने से वैक्सीन रखने वाला फ्रिज दूसरे के घर में रखा जाता है। आलम यह है कि गांव के लोग अस्पताल परिसर में अपने पशु बांधते हैं, और मुख्य भवन की में भूसा आदि भरते हैं। पशु चिकित्साधिकारी डा. अंशू पांडे ने बताया कि पांच साल से बाउंड्रीवाल क्षतिग्रस्त है। ग्रामीणों ने अस्पताल के अंदर से आम रास्ता बना लिया है और जबरन अस्पताल के अंदर मवेशी बांधकर गंदगी फैलाते हैं। कई बार लिखित सूचना प्रधान व विभागीय अफसरों को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। मामले पर पशु मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरडी अहिरवार का कहना है कि बाउंड्रीवाल को बनवाने के लिए एस्टीमेट तैयार कर प्रस्ताव भेजा जाएगा। अस्पताल में विद्युतीकरण की व्यवस्था ठीक करने के लिए प्रभारी को कनेक्शन करवाने के निर्देश दिए गए हैं।