रूट न पार्किंग, ई- रिक्शा दौड़ाकर की जा रही कमाई
800 ई-रिक्शा चालको पर पर किया जुर्माना एआरटीओ

रूट न पार्किंग, ई- रिक्शा दौड़ाकर की जा रही कमाई
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कम लागत में रोजगार से जुड़कर परिवार के भरण पोषण के लिए ई-रिक्शा संचालन का नया रोजगार सृजन हुआ है। इस अच्छी व्यवस्था के साथ ही दुश्वारियां भी हैं। दिन-ब-दिन बढ़ रही इन साधनों की संख्या परेशानी का सबब भी बनती जा रही है। ऐसे में ई-रिक्शों का संचालन दिक्कत खड़ी कर रहा है। प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठा हुआ है। निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी ढोना और चौराहों पर भीड़ लगाकर यातायात व्यवस्था को ध्वस्त किए हुए हैं। बिना पार्किंग और तय शुदा रूट के शहर से लेकर गांव तक ई-रिक्शों का संचालन किया जा रहा है। मुख्य मार्गों में मनाही के बाद बेधड़क ई रिक्शा दौड़ाए जा रहे हैं। खासबात यह है कि तमाम नियम विरुद्ध कामों के बावजूद कार्यवाही नहीं होती है। रिक्शा चालक ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए चौराहों में खड़े किए जाने वाले सिपाही और होमगार्ड से गलबहियां करते दिख जाएंगे।
ये भी जानें
पंजीकृत ई-रिक्शा चालक : 2500
नगर में : 1,150
गांवों में : 1,350
बिना पंजीकृत दौड़ रहे रहे : 2000
एक बार टैक्स जमा : 10 हजार
अवधि : खरीदने के तीन तीन वर्ष तक
इन मार्गों पर चलते ई-रिक्शा
नगर के हरिहरगंज से शादीपुर चौराहा होते हुए जिला अस्पताल, जिला अस्पताल से रोडवेज बस अड्डा, रोडवेज बस अड्डे से वर्मा चौराहा होते हुए राधानगर, राधानगर से नई तहसील, नउवाबाग से जिला अस्पताल, कचहरी से बिंदकी बस अड्डा, शादीपुर से पटेल नगर होते हुए जिला अस्पताल मुख्य रास्ते हैं।
नाबालिग के हाथों में ई-रिक्शा का एक्सीलेटर
नगर में ई रिक्शा संचालन 18 साल की उम्र के बाद ही मान्य है। उम्र की बाध्यता के साथ ही संभागीय परिवहन अधिकारी की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किया जाता है। रिक्शा चलाने की स्थिति यह है कि नाबालिग के हाथों में ई रिक्शा की एक्सीलेटर (स्टीयरिंग व्हील) होता है। नगर की सड़कों पर नाबालिग रिक्शा चलाते हुए दिख जाते हैं। खासबात यह है कि यह खबरों के खिलाड़ी बनकर बेतरतीब तरीके से ई रिक्शा चलाते हैं।
पार्किंग न होने से जाम की स्थिति होती पैदा
नगर के ज्वालागंज बस स्टाप, जिला अस्पताल के सामने, पटेल नगर, रेलवे स्टेशन, हरिहरगंज, राधानगर, देवीगंज ओवरब्रिज के पास, जयराम नगर, कलक्टरगंज, पत्थर कटा, पीलू तले चौराहे व्यस्ततम में गिने जाते हैं। यहां पर बेतरतीब खड़े ई रिक्शा यातायात में दिक्कत पैदा करते हैं। राहगीरों तक को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विरोध करने पर झुंड में खड़े ई रिक्शा चालक लड़ाई झगड़े पर अमादा हो जाते हैं।
800 ई-रिक्शा चालकों पर किया जुर्माना
एआरटीओ प्रशासन अरविंद त्रिवेदी ने बताया कि ई-रिक्शा शहर के मार्ग गांव के संपर्क मार्गों पर ही सवारी लेकर चल सकते हैं, लेकिन जिला व मुख्य मार्गों के रुटों पर-रिक्शा सवारी के लेकर चलना अवैध है। इन्ही वजहों से ही नियमों का उल्लंघन करने पर बीते छह महीने में 800 ई-रिक्शा चालकों का चालान करके 22 हजार जुर्माना भी किया गया है। वहीं, 1,800 खटारा को ई-रिक्शा संचालकों को लाइसेंस नवीनीकरण कराने की नोटिस दी गई है। रूट को लेकर कई बार प्रयास हुए लेकिन दिक्कतों के चलते सफलता नहीं मिली है। पार्किंग के लिए नगर पालिका और रूट चार्ट के लिए पुलिस से लगातार संपर्क बना हुआ है।
Edited By Jagran