मानक ने तोड़ा सपना, 406 गांव लाभ से फिलहाल वंचित
फोटो- 1 .जल जीवन मिशन. -134 गांव पहले से और अब 300 गांव योजना में हुए शामिल -समूह पेयजल योज
फोटो- 1
.जल जीवन मिशन.
-134 गांव पहले से और अब 300 गांव योजना में हुए शामिल
-समूह पेयजल योजना से लाभान्वित गांवों योजना से हुए बाहर
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: गांवों में हर घर में नल से पेयजल की सुविधा मिले इसके लिए सरकार ने जल जीवन मिशन चालू की है। बावजूद इसके जिले के 406 गांव पाइप पेयजल की सुविधा छूट रहे हैं। दरअसल जल जीवन मिशन योजना के मानक ही ऐसे बने हैं जिससे जिले के अधिकांश गांव छूट रहे हैं। इन गांवों का पाइप पेयजल का लंबा इंतजार फिलहाल खत्म नहीं होगा, बल्कि इन्हें पानी की समस्या से फिलहाल जूझना ही पड़ेगा। विभाग भी मानकों की दुहाई देकर हाथ खड़े कर रहा है।
जिले में 840 ग्राम पंचायतें है, जिनमें से 45 में समूह पेयजल 1980 संचालित हैं। 40 साल पहले जब यह योजनाएं बनी थी तो हर समूह पेयजल योजना में पांच से सात ग्राम पंचायतों को जोड़कर पेजयल से आच्छादित मान लिया गया। योजना चालू होने के पांच दस साल मे ही समूह पेयजल योजनाएं ध्वस्त होने लगी और समूह के गांवो की सुविधा टूटी पाइप लाइन के कारण बंद हो गयी। ऐसे मे 270 गांव ऐसे हो गए जिनमें कागजी तौर पर पाइप पेयजल की सुविधा तो है लेकिन मौके पर यहां पाइप पेयजल सुविधा नहीं है। अब जब जल जीवन मिशन योजना लांच हुई तो तय मानको में यह शर्त रख दी गयी है कि जो गांव पहले से पाइप लाइन के पेयजल से आच्छादित है उन्हें योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। नतीजा कि 270 गांव पात्र होने के बाद भी छूट गए। इसी तरह 136 गांव और हैं जिन्हें समूह पेयजल योजना में शामिल ही नहीं किया गया है। नतीजा यह है कि पूरे जिले में 406 गांव ऐसे छूट रहे हैं जिन्हें फिलहाल योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।
इनसेट...
जिले में पेयजल योजनाओं की स्थिति
समूह पेयजल योजनाएं- 45
विश्व बैंक सहायित योजनाएं- 31
एकल पेयजल योजनाएं-----27
जल जीवन मिशन में प्रस्तावित- 300
इनसेट....
क्या कहते हैं जिम्मेदार...
- जिले में 103 परियोजनाएं पूर्व से संचालित है, 300 नई परियोजनाओं को जल जीवन मिशन में शामिल कर प्रस्तावित किया है। अब 434 गांव ऐसे हैं जो पानी की टंकियों से आच्छादित हो जाएंगे। समूह पेयजल योजना में एक से अधिक गांव शामिल है उन्हें नये मानकों के चलते जल जीवन मिशन में नहीं ले पाए हैं। मानको में संसोधन हुआ तो इन्हें भी लेंगे अन्यथा इनके लिए अलग से योजना बनाएंगे। मो. खालिद अहमद, अधिशासी अभियंता जल निगम