3300 किसानों को मिला 1.39 करोड़ का क्लेम
जागरण संवाददाता फतेहपुर जलवायु और अन्य जोखिमों से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई बी
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जलवायु और अन्य जोखिमों से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा योजना से नहीं हो पा रही है। किसानों का तर्क यह है कि बीमा कंपनी का क्लेम निर्धारण का मानक सही नहीं है। बीते खरीफ फसल में जलवायु परिवर्तन के चलते तिल आदि की फसल हो गई, लेकिन बीमा कंपनी ने जिले के मात्र 3337 किसानों को ही मुआवजा दिया।
खरीफ फसल में जिले के 55 हजार 227 किसानों ने फसल बीमा करवाया था। इसमें किसान अंश से बीमा कंपनी को 5.19 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा हुआ। तेज हवा व बारिश के कारण खरीफ में तिल की खेती पूरी तरह से खराब हो गई थी। उर्द व मूंग की पैदावार में भारी प्रभाव पड़ा था। बीमा कंपनी के सर्वे में मात्र 3337 किसानों की फसल प्रभावित मानी गई। कंपनी ने नुकसान के आधार पर किसानों को 1.39 करोड़ का क्लेम दिया। उपकृषि निदेशक ब्रजेश सिंह ने बताया कि क्लेम की धनराशि किसानों के खाते में भेजी जा रही है। कहा, बीमा कंपनी क्राप कटिग के आधार पर नुकसान का आकलन करती है। फसल बीमा योजना में अभी तक किसान क्रेडिट धारकों के लिए प्रीमियम देना किसानों की शिकायत पर शासन ने अनिवार्यता समाप्त करते हुए स्वैच्छिक कर दिया है। रबी, खरीफ व जायद की फसल की बोआई के समय केसीसी धारक किसानों को बैंक में जाकर बीमा के लिए सहमति व असहमति पत्र देना होगा। असहमत होने की दशा में किसान के खाते से प्रीमियम की राशि नहीं काटी जाएगी।