जांच को भेजे 20 नमूने, लाइसेंस होगा निरस्त
जागरण संवाददाता फतेहपुर तीस साल से खाद के काले कारोबार से जुड़े पिता-पुत्र को जेल भेजन
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : तीस साल से खाद के काले कारोबार से जुड़े पिता-पुत्र को जेल भेजने के बाद पुलिस व कृषि विभाग इससे जुड़े रैकेट की तलाश में गए हैं। विभाग ने दुकान में रखी खाद के 11 व बीज के आठ नमूने भर कर जांच के लिए भेजा है। गोदाम सील करने के बाद विभाग दुकानदार को लाइसेंस निरस्त करने की कारवाई शुरू कर दी है। नकली खाद की आपूर्ति कहां की जाती रही इसका पता लगाने के लिए पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारी दस्तावेजों को पलट कर नामों की सूची तैयार करते रहे। जांच में यह पता चला कि पहले यह अपने पिता चंद्रा फर्टिलाइजर के नाम से लाइसेंस लिया था, फिर बेटे के नाम से रिटेल का लाइसेंस लिया और अपने नाम से थोक का लाइसेंस लिए हुए था।
नकली खाद बनाने के पकड़े गए इस मामले से खाद व बीज के लाइसेंसधारकों में दहशत का माहौल है। बताते है कि अमौली, बहुआ, असोथर,विजयीपुर समेत यमुना कटरी के अन्य कस्बों व गांवों में नकली खाद तैयार करने का खेल लंबे समय से चल रहा है। कानपुर से नामचीन खाद कंपनियों की बोरी में 390 रुपये की आने वाली सुपर फास्फेट व जिप्सम डाल कर बिक्री की जाती है। नकली खाद व बीज की बिक्री रोकने के लिए विभाग की कभी-कभार चलने वाले अभियान से कारोबारियों में दहशत नहीं है।
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खाद का बिल-बाउचर अवश्य रखे
- उपकृषि निदेशक बृजेश सिंह ने कहा कि खाद लेते समय किसानों को दुकानदार से रसीद अवश्य मांगनी चाहिए। असली डीएपी की पहचान के लिए किसान डीएपी के दानों में चूना मिलाकर रगड़ें तो उसमें तीक्ष्ण गंध आती है। असली डीएपी के दाने समान आकार के नहीं होते। दानों का आकार छोटा-बड़ा रहता है। बीज खरीदने के पहले टैग अवश्य चेक कर लें।
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यह हुई कार्रवाई
खाद के भरे गए कुल नमूने - 132
सिगल सुपर फास्फेट - 34
डीएपी - 84
जिक व माइक्रो - 03
एनपीके - 02
एनओपी - 08
यूरिया - 01
रिपोर्ट मिली - 63 नमूनों की
मिलावट मिली - 4 नमूनों में
कार्रवाई - चार लाइसेंस निरस्त, चार निलंबित, दो दुकानदारों पर मुकदमा
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बीज के कुल भरे गए नमूने - 141
धान - 35
राई, सरसो - 08
गेहूं व जौ - 98
रिपोर्ट मिली - 34 नमूनों की
अधोमानक मिले - 02
कार्रवाई - दो लाइसेंस निरस्त हुए