20 मशीनें हवा से खींचेगी 'मेडिकल ऑक्सीजन'
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते देश में स्थिति काफी बिगड़ चु
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते देश में स्थिति काफी बिगड़ चुकी है। यूपी में दिन-व-दिन हालात बदतर हो रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी का भय आम से खास को सता रहा है, तभी तो लोग एडवांस में ही ऑक्सीजन सिलिडर की व्यवस्था कर रहे हैं। लेकिन अब ऑक्सीजन की कमी हवा में मौजूद 21 फीसद ऑक्सीजन से की जाएगी। अन्य शहरों की भांति जिले में भी 20 ऑक्सीजन कांसट्रेसर मशीनें लगाई गयीं जो हवा से ऑक्सीजन खींचकर मेडिकल ऑक्सीजन मरीज को मुहैया कराएंगी और मरीज की टूटती सांसों को बचाएंगी।
गंभीर कोरोना रोगियों के लिए खागा के सुजरही स्थिति इंजीनियरिग कालेज को एल-2 सुविधा का हास्पिटल बनाया गया है। यहां वर्तमान में दो मरीज भर्ती हैं। यूं तो यहां पर मरीजों के लिए 60 से अधिक ऑक्सीजन सिलिडर हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य महकमें ने यहां पर आठ ऐसी मशीनें लगाई हैं, जो हवा से ऑक्सीजन लेकर मरीज तक मेडिकल ऑक्सीजन देंगी। इसी तरह जिला अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए कुल 12 मशीनें लगाई गयी हैं, जिनसे जरूरत पड़ने पर शुद्ध ऑक्सीजन मरीजों को मुहैया कराई जाएगी।
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क्या है ऑक्सीजन कंसट्रेसर मशीन
-सीएमएसडी स्टोर के इंचार्ज भूपेश दुबे ने बताया कि पूर्व में आठ ऑक्सीजन कांस्ट्रेसर मशीनें खरीदी गयी थी। जिन्हें अब एल-2 हास्पिटल में लगाया है। यह मशीन हवा से ऑक्सीजन लेकर मरीज तक पहुंचाती है। एक मशीन एक दिन में 10 लीटर तक ऑक्सीजन दे सकती है जो एक मरीज के लिए पर्याप्त है।
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क्या है मेडिकल ऑक्सीजन
-ऑक्सीजन पानी और हवा दोनों में मौजूद है। हवा में 21 फीसद ऑक्सीजन और 78 फीसद नाइट्रोजन होती है। एक फीसद में अन्य तरह की गैसें होती हैं। कंसट्रेसर मशीन हवा में मौजूद 21 फीसद ऑक्सीजन को खींच लेती है और अपने वीकर में एकत्रित कर उसे रसायन कि्िरया के जरिए मेडिकल ऑक्सीजन में तब्दील कर देती है।
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होम आइसोलेशन के लिए विकल्प
-डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय कुमार ने कहा कि ऑक्सीजन की जरूरत पर होम आइसोलेशन वालों के लिए भी यह मशीन कारगर है। यह बाजार में उपलब्ध है। कई लोग इसे मंगाकर ऑक्सीजन की संभावित जरूरत की तैयारी भी कर रहे हैं। यह मशीन कई कंपनियां बनाती है जो बाजार में उपलब्ध हैं।