रोजगार छोड़कर मुंबई से लौटे 170 प्रवासी, चेहरे मायूस
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना संक्रमण काल में नाइट कर्फ्यू व साप्ताहिक बंदी होने से
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना संक्रमण काल में नाइट कर्फ्यू व साप्ताहिक बंदी होने से काम बंद होने पर रविवार शाम लोकमान्य तिलक-कानपुर एक्सप्रेस से करीब 170 प्रवासी मुंबई से घर लौट आए हैं। इसके पहले दिल्ली व जयपुर से भी कई प्रवासी लौटे थे। रोजगार छूटने से प्रवासियों के चेहरों में मायूस थी और दर्द छलक रहा था।
रविवार शाम 5:50 पर आई ट्रेन में मुंबई से आए 170 प्रवासी स्टेशन में उतरे तो उनके एंटीजन जांच के लिए लाइन में खड़ा कर दिया गया। कुछ देर खड़े रहने के बाद पॉजिटिव होने के डर से करीब 50 प्रवासी पीछे से बिना जांच कराए ही निकल गए। इसके पहले दिल्ली-प्रयागराज एक्सप्रेस, जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस, आनंदबिहार, कालका, नार्थईस्ट, मूरी आदि गाड़ियों से एक सैकड़ा से अधिक प्रवासी बोरिया बिस्तर बांधकर लौट आए।
तीन शिफ्टों में हो रही एंटीजन जांच
स्टेशन अधीक्षक आरके सिंह का कहना था कि संक्रमण बढ़ने में नाइट कर्फ्यू व साप्ताहिक बंदी लगने से गैर प्रांतों से प्रवासियों के आने का सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ रहा है इसलिए स्टेशन में सतर्कता बरती जा रही है और तीन शिफ्टों में चिकित्सकीय टीम मौजूद रहकर संक्रमण के लिए प्रवासियों का एंटीजन जांच कर रही है, अभी तक कोई प्रवासी पॉजिटिव नहीं मिला है।
मजबूरीवश काम छोड़कर आना पड़ा
मुंबई के धरावी में वह कपड़ा सिलाई का काम करता है। वहां संक्रमण की वजह से कर्फ्यू लग गया। इससे रोजगार बंद हो गया है इसलिए मजबूरीवश उसे घर लौटना पड़ा।
- शमशुल, खेसहन गाजीपुर। वह पैंट कमीज, सलवार सूट आदि कपड़े सिलने का काम करता है। मुंबई में सेठ के काम बंद करने से वह खाली हो गया। संक्रमण के डर से दोस्त घर लौट रहे थे तो वह भी उनके साथ आ गया।
-नूर मोहम्मद, गाजीपुर । वह दादर में बेल्ट का कारोबार करता है। कर्फ्यू लगने के बाद भी वह वहां रुका था कि शायद काम शुरू हो गए लेकिन काम नहीं शुरू हुआ। इससे तीन माह बाद ही उसे वापस होना पड़ा।
- इसरार, गढ़ी जाफरगंज। मलाड ईस्ट में वह कपड़े में प्रेस करने का काम करता है। पांच माह पूर्व ही वह रोजगार के सिलसिले में मुंबई गया था लेकिन कोरोना संक्रमण के पैर पसार लेने से उसे आना पड़ा।
- महेश कुमार, नयापुरवा हुसेनगंज।