16 लाख मिले, अस्पताल में बनेगी डायलिसिस यूनिट
जागरण संवाददाता फतेहपुर रक्त शोधन एक कृत्रिम विधि है जिसे डायलिसिस कहा जाता है। आमत
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: रक्त शोधन एक कृत्रिम विधि है, जिसे डायलिसिस कहा जाता है। आमतौर पर जिस मरीज के गुर्दे कमजोर हो जाते हैं, उसे रक्त शोधन की जरूरत पड़ती है। यह सुविधा अभी तक जिले में नहीं है, जिसके चलते लोगों को डायलिसिस के लिए लखनऊ, कानपुर व प्रयागराज जैसे शहरों को जाना पड़ता है। अब ऐसे रोगियों को बड़ी रहात मिलने जा रही है। जल्द ही यह सुविधा जिला अस्पताल में शुरू होगी। इस सुविधा के लिए शासन ने 16 लाख की पहली किस्त भेज दी है।
दरअसल पूर्व में सरकार ने हर अस्पताल में दो बेड की डायलिसिस यूनिट स्वीकृत हुई थी, लेकिन अपना जनपद देश के पिछड़े जनपदों में शुमार है। ऐसे में यहां के लिए दस बेड की स्थाई डायलिसिस यूनिट की मांग शासन से की गई थी। अब शासन ने जिले की मांग पर विचार करते हुए नई डायलिसिस यूनिट तैयार करने के लिए प्रथम किस्त के रूप में 16 लाख की किस्त भेजी है। नए निर्माण के लिए धनराशि मिलने के बाद अब दो बेड की डायलिसिस यूनिट शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई। दस बेड की यूनिट तैयार होने के बाद जनपद के रक्त शोधन से संबंधित रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने डायलिसिस कराने के लिए महानगरों तक भागदौड़ नहीं करनी होगी।
सीएमएस डॉ. प्रभाकर ने बताया कि डायलिसिस की नई यूनिट बनाने के लिए शासन के निर्देश आ चुके हैं। जिला अस्पताल में 10 बेड की यूनिट तैयार कराई जाएगी। पहले अस्पताल के ही एक कक्ष में दो बेड का संचालन कराने के निर्देश थे, अब जिले में स्थाई रूप से यह यूनिट बनेगी।
2000 स्क्वायर फीट में होगा निर्माण : अस्पताल में डायलिसिस यूनिट के लिए दो हजार स्क्वायर फीट जगह अस्पताल परिसर में ही चिह्नित की गई है। निर्माण संस्था आने के बाद उसे जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। दिसंबर में निर्माण शुरू कराकर नये वर्ष में यह सुविधा संचालित करने की तैयारी की जा रही है।