मिली छूट तो 127 बंदी भूल गए सजा
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना संक्रमण काल में अप्रैल 2020 को कोर्ट व शासन के निर्देश
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना संक्रमण काल में अप्रैल 2020 को कोर्ट व शासन के निर्देश पर जेल से रिहा किए गए 127 बंदी अपनी सजा ही भूल गए। 15 नवंबर के आस पास पेरोल की समय अवधि खत्म हो गई है लेकिन अभी तक सिर्फ 30 बंदी ही कोर्ट में हाजिर होकर जेल आ सके हैं जिससे जेल प्रशासन ने फतेहपुर, उन्नाव, बांदा, कानपुर देहात, रायबरेली आदि जिलों के एसपी को पत्राचार कर ऐसे बंदियों को हाजिर कराने को पत्राचार किया है।
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जेल प्रशासन ने कोर्ट व शासन के निर्देश पर कुल 157 विचाराधीन व सिद्धदोष बंदियों को पेरोल पर छोड़ा था। कोरोना संक्रमण कम न होने पर शासन से 8-8 सप्ताह के लिए समयावधि बढ़ाई जाती रही। अब 12 से 15 नवंबर 2020 तक पेरोल की अवधि खत्म हो गई लेकिन अभी तक 11 सिद्धदोष बंदी व 19 विचाराधीन बंदी ही कोर्ट में हाजिर होकर जेल आ सके हैं। जिससे 127 बंदी अभी भी अपने घरों में आराम कर रहे हैं शायद वह अपनी सजा ही भूल गए हैं।
जेलर डॉ. आलोक शुक्ल कहते हैं कि ऐसे बंदियों को वापस जेल बुलाने के लिए फतेहपुर समेत पड़ोसी जिले कानपुर देहात, बांदा, रायबरेली, उन्नाव आदि से पत्राचार कर दिया गया है ताकि बंदी वापस जेल आ सके। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार का कहना था कि ऐसे बंदियों को जेल भेजने के लिए सभी थाना प्रभरारियों को निर्देश दिए गए है जो धरपकड़ कर रहे हैं।
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पेरोल पर छोड़ गए बंदियों को वापस जेल बुलाने के लिए एसपी को पत्राचार कर दिया गया है। समय सीमा के बाद भी यदि ऐसे बंदी वापस नहीं आ रहे हैं तो कोर्ट के आदेश के बाद ही कार्रवाई तय की जाएगी। जेल से सिद्धदोष व विचाराधीन मिलाकर कुल 157 बंदियों को छोड़ा गया था जिसमें सिर्फ 30 बंदी ही अभी तक वापस जेल आए हैं। - विनोद कुमार, जेल अधीक्षक।