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11.79 करोड़ रुपये डंप, 232 प्रधानों व सचिवों को नोटिस

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत 232 ग्राम सभाओं ने ऐसे लोगों के लिए शौच

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 07:33 PM (IST)
11.79 करोड़ रुपये डंप, 232 प्रधानों व सचिवों को नोटिस
11.79 करोड़ रुपये डंप, 232 प्रधानों व सचिवों को नोटिस

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत 232 ग्राम सभाओं ने ऐसे लोगों के लिए शौचालय की मांग कर धनराशि प्राप्त कर ली, जो नियमों के तहत पात्र नहीं है। सत्यापन के बाद ऐसे लाभार्थियों को लाभ से बाहर कर दिया गया, बावजूद इसके लिए ग्राम पंचायतें पिछले तीन माह 11.79 करोड़ की राशि वापस नहीं कर रही हैं। सीडीओ ने ग्राम पंचायतों की बाजीगरी पकड़ते हुए इन पंचायतों के प्रधान व सचिवों को नोटिस जारी कर न सिर्फ धनराशि वापस करने का निर्देश दिया है बल्कि यह भी जवाब मांगा है कि सरकारी धन को आखिर तीन माह से क्यों नहीं लौटाया गया।

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जनपद को खुले में शौच मुक्त करने के लिए नवंबर 2018 में नया सर्वे कराया गया था, जिसमें से ग्राम पंचायतों को मांगपत्र के अनुसार नवंबर माह में ही धनराशि आवंटित कर दी गयी। जिला प्रशासन ने इस बार शौचालय का लाभ देने में उन लोगों को एक परिवार में एक शौचालय, शस्त्र लाइसेंस, नौकरी पेशा, व्यवसाई को पात्रता सूची से बाहर कर उन्हीं गरीबों के शौचालय बनवाने का निर्देश दिया जो वास्तव में पात्र है। नतीजा कि जिले में डिमांड सूची में 32 हजार कथित लाभार्थी सूची से बाहर हो गए। लेकिन इनके हिस्से की धनराशि अब भी ग्राम सभाओं में डंप पड़ी है। सीडीओ ने कहा कि ग्राम प्रधान व सचिव इसके लिए जिम्मेदार है, चूंकि जब इन ग्राम सभाओं में धनराशि खर्च नहीं हुई तो धनराशि वापस आनी चाहिए। परंतु पिछले तीन माह से ग्राम पंचायतें धनराशि डंप किए हैं, जिसके लिए उन्हें नोटिस दी गयी है। 2012 में अपात्र लाभार्थियों की होगी जांच

-सीडीओ चांदनी ¨सह ने कहा कि बेसलाइन सर्वे 2012 के जितने भी लाभार्थियों को शौचालय के लिए धनराशि दी गयी है, उनकी जांच होगी। जांच में अगर किसी ने तथ्य छिपाकर लाभ लिया है तो नियमानुसार उस लाभार्थी से धनराशि वापस ली जाएगी। चूंकि यह योजना उन लोगों के लिए है जो अपने से शौचालय नहीं बनवा सकते हैं, शीघ्र ही जांच के लिए कमेटियां गठित की जाएगी। निलंबित करेंगे पंचायत सचिव

जिला पंचायत राज अधिकारी अजय आनंद सरोज ने कहा कि जिन ग्राम सभाओं में धनराशि डंप हैं, उन प्रधानों व सचिवों से धनराशि वापसी की नोटिस जारी की गई है, अगर सप्ताह भर में धनराशि वापस नहीं आती है, तो हम पंचायत सचिवों को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित करेंगे और प्रधानों के अधिकार सीज किए जाएंगे।


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