सुहाग की रक्षा के साथ वट करेंगे जीवन रक्षा
संवाद सहयोगी कायमगंज पर्यावरण संरक्षा से जुड़ा दैनिक जागरण का अभियान वट से बांधें-सांसो
संवाद सहयोगी, कायमगंज : पर्यावरण संरक्षा से जुड़ा दैनिक जागरण का अभियान 'वट से बांधें-सांसों की डोर' तब सार्थक नजर आया, जब वट सावित्री व्रत के दिन महिलाओं ने परंपरागत पूजन के साथ अपने आसपास क्षेत्र में वटवृक्ष (बरगद) के पौधे रोपित किए। इससे आने वाले वर्षों में महिलाओं के अपने घर के आसपास ही पूजन के लिए वटवृक्ष उपलब्ध होंगे।
बरगद के पेड़ों की लगातार होती जा रही कमी के चलते जागरण ने वट वृक्षों के पौधे रोपने के लिए जागरूकता की मुहिम शुरू की। लगातार वृक्ष कटान से नगर क्षेत्र में बरगद के पेड़ों की संख्या नगण्य रह जाने से पर्यावरण पर तो प्रभाव पड़ा ही है। साथ ही प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होने वाले वट सावित्री वृत-वर अमावस्या पूजन के लिए वट वृक्षों के अभाव हो गया। इस महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व पर सुहागिन महिलाओं को घरों में पेड़ की टहनियां मंगा कर पूजन की औपचारिकता करनी पड़ती है। ऐसी परिस्थिति में भविष्य के लिए वट वृक्ष तैयार करने को जागरण की मुहिम में सुहागिन महिलाओं व बेटियों को बरगद की पौधरोपण की प्रेरणा दी। जिससे प्रभावित महिलाएं इस अभियान में जुड़ी व पहले वट के पौधे रोपित करने का संकल्प लिया। नर्सरी संचालक सुरजीत गंगवार ने अपनी नर्सरी से निश्शुल्क पौधे उपलब्ध कराए व कहा कि इस अभियान के लिए वह आगे भी प्रतिबद्ध रहेंगे। गुरुवार को वर अमावस्या के दिन संध्या चौहान, परिणिता बाजपेयी, सौम्या, प्रभा व सोनी मिश्रा, राजरानी, कल्पना, राममूर्ति, अनु व राधा शाक्य ने नगर के विभिन्न स्थलों पर पौध रोपण किए। जिसमें साहसी बालिका संस्था की खुशबू मिश्रा, शिल्की मिश्रा, निकिता व अंजू का सक्रिय योगदान रहा। मोहल्ला कुकी खेल की बबिता सहित नगर की अनेकों महिलाओं ने पूजन के दिन तो घर में बरगद की पौध लाकर पूजन किया व कहा कि बाद में इसे उपयुक्त सार्वजनिक स्थल पर रोपित करेंगे।
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रोपण के बाद पोषण की भी ली जिम्मेदारी
कायमगंज : पर्यावरण, औषधीय व धार्मिक महत्व वाले वट वृक्ष के रोपण के लिए महिलाओं को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाने वाली साहसी बालिका संस्था की अध्यक्ष खुशबू व सचिव शिल्की मिश्रा ने कहा कि पौधों के रोपण के बाद उनकी देखभाल व समय पर पानी आदि देकर उनका पोषण भी किया जाएगा। संस्था की निकिता व अंजू सहित अन्य स्वयंसेवी बालिकाएं अभियान में सक्रिय रहीं।