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वक्फ संपत्ति हथियाने में व्यवसायी भू-माफिया घोषित

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद भू-अभिलेखों में हेरफेर कर लगभग पौने 24 करोड़ की वक्फ संप

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 10:33 PM (IST)
वक्फ संपत्ति हथियाने में व्यवसायी भू-माफिया घोषित
वक्फ संपत्ति हथियाने में व्यवसायी भू-माफिया घोषित

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भू-अभिलेखों में हेरफेर कर लगभग पौने 24 करोड़ की वक्फ संपत्ति को खरीद-फरोख्त के माध्यम से हथियाने में डीएम ने व्यवसायी गौरहरि अग्रवाल समेत चार लोगों को भूमाफिया घोषित कर एफआइआर के आदेश किए हैं। एसडीएम सदर को एक माह के भीतर गौरहरि अग्रवाल द्वारा अवैध तरीके से कब्जा की गई संपत्तियों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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डीएम ने बताया कि वक्फ बोर्ड के आदेश के तहत वक्फ संपत्ति का कब्जा मुतवल्ली को प्राप्त कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि गौरहरि अग्रवाल को अपना पक्ष रखने को कई बार नोटिस दिए गए, लेकिन वह कोई ऐसा साक्ष्य नहीं दे सके, जिससे यह साबित हो कि भूमि वक्फ संपत्ति नहीं है। गौरहरि के अतिरिक्त नानक चंद्र, विनोद चंद्र, विनय कुमार पुत्रगण हरिश्चंद्र को भी भू-माफिया घोषित किया गया है। वक्फ बोर्ड के आदेश के तहत अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को इनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि यह भी संज्ञान में आया है कि गौरहरि ने शहर में अन्य जमीनों पर भी इसी तरह कब्जा किया है। उन्होंने एसडीएम सदर को एक माह में अन्य संपत्ति का विवरण देने के निर्देश दिए हैं। गौरहरि ने बताया कि उनके पास वर्ष 1381 फसली तक के अभिलेख मौजूद हैं। कहीं भी भूमि वक्फ में दर्ज नहीं है। वह इस मामले में अपील करेंगे। यह है मामला

वक्फ नवाब वजीर साहब के पूर्व मुतवल्ली ताहिर हुसैन ने वर्ष 2017 में शहर में रेलवे स्टेशन के निकट ठंडी सड़क स्थित लगभग 2.11 एकड़ भूमि पर सेठ गली निवासी गौरहरि अग्रवाल पर कब्जा करने की शिकायत की थी। वक्फ बोर्ड ने तत्कालीन डीएम से रिपोर्ट मांगी थी। एसडीएम की रिपोर्ट और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद बोर्ड ने वर्ष 2018 में जमीन बेचने व खरीदने वालों पर षड्यंत्र कर संपत्ति कब्जाने की बात कहीं थी। बोर्ड ने डीएम को वक्फ संपत्ति का कब्जा मुतवल्ली को दिलाने व समस्त दोषियों पर मुकदमा कराने के आदेश दिए थे। यह दी थी एसडीएम ने रिपोर्ट

तत्कालीन एसडीएम सदर की रिपोर्ट में कहा था कि जैनब आरा बेगम बेवा नवाब सैयद अली अब्बास द्वारा पंडित हजारी लाल को भूमि 99 साल के पट्टे पर दिया गई थी। हजारी लाल ने वर्ष 1946 में भूमि बाबू हरिश्चंद्र को 800 रुपये सालाना किराये पर दे दी। बाद में खतौनी 1368 फसली में उक्त भूमि नॉन-जैड ए श्रेणी-8 में हरिश्चंद्र के पुत्रों नानक चंद्र, विनोद चंद्र व विनय कुमार के नाम दर्ज हो गई। नानक चंद्र ने भूमि को गौरहरि अग्रवाल आदि को बेच दिया। जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 23,78,47,500 रुपये है। आवासीय व व्यावसायिक उद्देश्य की इस भूमि पर एक मैरिज लॉन व सिनेमा हाल भी बना है।


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