मोटर मैकेनिक्स की पढ़ाई रेफ्रिजरेशन इंस्ट्रक्टर के भरोसे
सरकार युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने के भले ही दावे कर रही हो लेकिन उनके इन दावों की पोल जिले में स्थित तीन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोल रहे हैं। इन संस्थानों में स्टाफ की कमी के चलते मोटर मैकेनिक का प्रशिक्षण ले रहे छात्र को रेफ्रिजरेशन ट्रेड के अनुदेशक प्रशिक्षण दे रहे हैं। कई ट्रेडों के पद तो रिक्त पड़े हैं।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : सरकार युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने के भले ही दावे कर रही हो, लेकिन उनके इन दावों की पोल जिले में स्थित तीन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोल रहे हैं। इन तीन संस्थानों में 90 अनुदेशकों के सापेक्ष मात्र 24 की तैनाती है। स्टाफ की कमी के चलते मोटर मैकेनिक का प्रशिक्षण ले रहे छात्र को रेफ्रिजरेशन ट्रेड के अनुदेशक प्रशिक्षण दे रहे हैं। कई ट्रेड तो पूरी तरह रिक्त पड़े हैं।
जिले के फर्रुखाबाद, अमृतपुर व कायमगंज आइटीआइ में करीब 1500 से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन छात्रों की अगस्त माह में परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। आइटीआइ फर्रुखाबाद में 15 ट्रेड में 42 अनुदेशकों के पद हैं, जिनमें मात्र 15 अनुदेशक तैनात हैं। इसी तरह अमृतपुर व कायमगंज में 12-12 ट्रेडें हैं, लेकिन दोनों जगह 24-24 पदों के सापेक्ष क्रमश: चार व पांच अनुदेशकों की तैनाती है। अमृतपुर में तो इलेक्ट्रिशियन, रेफ्रिजरेशन, वेल्डर, मैकेनिकल इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर प्लंबर, बेसिक कास्मेटोलॉजी व सर्वेयर के पदों पर किसी की तैनाती नहीं है। यही हाल कायमगंज का है। एक-एक अनुदेशक अन्य ट्रेडों में पंजीकृत बच्चों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह का प्रशिक्षण छात्र-छात्राओं को मिलता है। जिले में ही नहीं पूरे प्रदेश के आइटीआइ में स्टाफ की कमी है। जो अनुदेशक तैनात हैं, उन्हीं से बच्चों को प्रशिक्षण दिलवाने का प्रयास किया जा रहा है। हर माह स्टाफ की रिपोर्ट राज्य व्यवसायिक शिक्षा परिषद को भेजकर तैनाती की मांग की जाती है। - उमेश तनेजा, प्रधानाचार्य आइटीआइ, फर्रुखाबाद व अमृतपुर