छपाक में उभारा गया है एसिड अटैक पीड़िताओं का दर्द
एसिड अटैक पीड़िता फरहा खान ने लखनऊ में रिलीज हुई छपाकदेखने के बाद कहा कि इस फिल्म में उनका व उन जैसी पीड़िताओं का दर्द उनकी सामाजिक स्थित को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
संवाद सहयोगी, कायमगंज : एसिड अटैक पीड़िता फरहा खान ने लखनऊ में रिलीज हुई 'छपाक' देखने के बाद कहा कि इस फिल्म में उनका व उन जैसी पीड़िताओं का दर्द, उनकी सामाजिक स्थित को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
कायमगंज के ग्राम कुबेरपुर निवासी एसिड अटैक पीड़िता फरहा खान अन्य पीड़िताओं के साथ बीती पांच जनवरी को दीपिका पादुकोण के जन्म दिन पर लखनऊ में उनके साथ थीं। शुक्रवार को जब उनकी फिल्म 'छपाक'रिलीज हुई तो फरहा व करीब 35 अन्य एसिड अटैक पीड़िताओं ने लखनऊ के आईनाक्स माल में स्थित टाकीज में उक्त मूवी देखी। मूवी देखने के बाद उन्होंने मोबाइल पर बताया कि 'छपाक'मूवी एसिड अटैक पीड़िताओं के दर्द की वह कहानी है, जो एक पीड़िता ने सहा है, समाज में उसे क्या सहना पड़ता है, कोर्ट में उसे क्या सहना पड़ता है, इस मूवी में इसे पेश किया गया है। इस मूवी का आना इसलिए जरूरी था क्योंकि पीड़िताओं की आवाज जन-जन तक न पहुंच पाती है, लेकिन मूवी की आवाज देश भर में गूंजेगी। लोग इस मूवी पर राजनीति कर रहे हैं, जो गलत है। दीपिका पादुकोण जेएनयू में गईं, यह उनका व्यक्तिगत मामला है। व्यक्तिगत मामले को लेकर एसिड अटैक पीड़िताओं के दर्द को उभारने व उनकी व्यथा जन जन तक पहुंचाने वाली विचारधारा वाली फिल्म का विरोध कर लोग ठीक नहीं कर रहे। विरोध दीपिका का हो सकता है, लेकिन उनकी फिल्म का विरोध नहीं होना चाहिए।