गिहार बस्ती के नौनिहालों को शिक्षित नहीं कर सका विभाग
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद बेसिक शिक्षा विभाग गिहार बस्ती में रहने वाले नौनिहालों को शिि
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग गिहार बस्ती में रहने वाले नौनिहालों को शिक्षित करने में नाकाम रहा है। तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद विभाग आज तक गिहार बस्ती में खुले वैकल्पिक शिक्षा केंद्र को स्कूल का दर्जा नहीं दिला सका। मौजूदा समय में केंद्र बंद चल रहा है।
वर्ष 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी एनकेएस चौहान ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया था कि गिहार बस्ती लकूला में वैकल्पिक शिक्षा केंद्र खोलकर यहां रहने वाले बच्चों को शिक्षित करें। केंद्र को स्कूल का दर्जा दिलाकर सर्व शिक्षा अभियान के तहत दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं भी बच्चों को दिलवाएं। बेसिक शिक्षा विभाग ने करीब पांच-छह लाख रुपये से वैकल्पिक शिक्षा केंद्र के लिए दो कमरों का भवन बनवाकर उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला कलार की शिक्षिका सरिता त्रिपाठी को संबंद्ध किया था। शुरू में 100 से ज्यादा बच्चों का दाखिला किया गया। करीब एक साल तक विभाग ने मिडडे मील, जूते-मोजे, ड्रेस व किताबों समेत अन्य सुविधाएं भी दीं। विभाग ने केंद्र मोड़ा मुंह
डीएम के जाने के बाद विभाग ने भी इस केंद्र से मुंह मोड़ लिया। मौजूदा समय में स्कूल में बच्चों की संख्या मात्र 20-25 ही रह गई है। मंगलवार को वैकल्पिक शिक्षा केंद्र के एक कमरे में ताला लटका था, जबकि दूसरा खुला था। बरामदे में कपड़े सूख रहे थे। गिहार बस्ती में रहने वाले लोगों ने बताया कि जबसे कोरोना लगा है, तबसे वैकल्पिक शिक्षा केंद्र खुल नहीं रहा है। शिक्षिका सरिता त्रिपाठी ने बताया कि जुलाई में उनका संबद्धीकरण समाप्त कर दिया गया। शुरू में 100 से ज्यादा बच्चे पंजीकृत हुए थे। एक साल तक विभाग से बच्चों को ड्रेस, जूता-मोजा आदि की सुविधा मिली, लेकिन फिर बंद कर दी गई। किताबें तो वह जैसे-तैसे विभाग से ले लेतीं, लेकिन स्टेशनरी आदि अपने स्तर से ही बच्चों को देती थीं।
बोले जिम्मेदार
''गिहार बस्ती में वैकल्पिक शिक्षा केंद्र खोले जाने की जानकारी नहीं है। कमिश्नर की बैठक में शामिल होने कानपुर आए हैं। वैकल्पिक शिक्षा केंद्र को दिखवाया जाएगा।''
- लालजी यादव, बीएसए।