स्कूलों का चूल्हा गर्म करने वाली रसोइयों के घर के चूल्हे 'ठंडे'
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते परिषदी
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते परिषदीय विद्यालयों में तैनात करीब 41 रसोइयों को डेढ़ साल से मानदेय नहीं मिला है। हद तो यह है कि शिकायतों के बावजूद अभी तक रसोइयों का भुगतान नहीं हो रहा है। वित्त विभाग के अधिकारी रसोइयों के खाते गलत बता रहे हैं तो मिडडे मील प्रभारी खाते ठीक होने की बात कह रहे हैं। इसका खामियाजा रसोइयों को भुगतान पड़ रहा है।
जुलाई 2019 में शासन के आदेश पर सभी रसोइयों का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई। इसके तहत सभी रसोइयों के खातों की फीडिग कराकर उनके खाते में भुगतान किया जाने लगा, लेकिन ब्लॉक राजेपुर, कमालगंज व बढ़पुर आदि परिषदीय विद्यालयों में तैनात लगभग 41 रसोइयां हैं, जिनमे किसी को डेढ़ साल तो किसी को चार या आठ माह से मानदेय नहीं मिला है। बढ़पुर ब्लॉक के कन्या प्राथमिक विद्यालय घोड़ा नखास की रसोइया सुनीता देवी, राजेपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय तुर्कहटा की मुन्नी देवी, ब्लॉक बढ़पुर के प्राथमिक विद्यालय पचपुखरा की कमला देवी व कमालगंज ब्लॉक के संविलियन विद्यालय रजीपुर की रसोइया बबली देवी को जुलाई 2019 से अब तक मानदेय नहीं मिला है। वहीं नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नवदिया की रसोइया रामा देवी को दिसंबर 2019, जनवरी, फरवरी व मार्च 2020 का मानदेय नहीं मिला है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने यह कहकर पल्लू झाड़ लिया कि इनके खाते ठीक नहीं हैं तो एमडीएम विभाग खातों को ठीक बता रहा है। रसोइया मुन्नी देवी ने बताया कि डेढ़ साल से मानदेय नहीं मिला है। बीएसए कार्यालय के कई चक्कर काट चुकी हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। एमडीएम प्रभारी वेगीश गोयल ने बताया जिन लगभग 41 रसोइयों को मानदेय नहीं मिला है। उनके खातों का मिलान करवाया गया तो वह ठीक हैं, लेकिन कुछ दिक्कत है, जिससे पैसा खातों में भेजा जाता है, लेकिन वापस आ जाता है। दोबारा बीईओ को पत्र लिखा जाएगा। बीएसए लालजी यादव ने बताया कि मामला संज्ञान में है। इस मामले को दिखवाते हैं।