अधिकारियों की लापरवाही से लटकी शिक्षकों की जांच
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में शासन स्तर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में शासन स्तर से काफी तेजी दिखाई गई। पैन कार्ड नंबर में फेरबदल करने वाले शिक्षकों को चिह्नित कर जांच के आदेश दिए गए। हालांकि जनपद स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते पैनकार्ड संशोधित कराने वाले 17 शिक्षकों की जांच अधर में लटकी है। जांच रिपोर्ट में तीन शिक्षक संदिग्ध पाए गए थे। इसको लेकर बीईओ से इन शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है।
शासन की ओर से सहायक एवं वित्त लेखाधिकारी को पैन कार्ड नंबर में परिवर्तन कराने वाले 18 शिक्षकों की सूची उपलब्ध करवाई गई थी। हालांकि इनमें से जांच 17 शिक्षकों की ही हो सकी। जांच के दौरान तीन ऐसे शिक्षक पाए गए, जिनके पैनकार्ड लोक निर्माण विभाग कानपुर कार्यालय में काम करने वाले एक कर्मचारी व एग्रो फूड कॉरपोरेशन लिमिटेड में काम करने वाले व्यक्ति के पैनकार्ड से मिलते हैं। वहीं एक शिक्षक ने नौकरी के दौरान दो-दो पैनकार्डों का इस्तेमाल किया है। बीएसए ने बीईओ को निर्देश दिए थे कि इन शिक्षकों के मामले में जांच आख्या दें, लेकिन अभी तक बीईओ ने जांच आख्या नहीं दी है। इस वजह से इस मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। संशोधित पैनकार्ड मामले की जांच सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी कर रहे हैं। इसके लिए एडीएम की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति भी बनी है। एडीएम के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वह होम आइसोलेशन में हैं। इस वजह से जांच समिति के सामने फाइल नहीं पहुंच पा रही है। जैसे ही एडीएम ठीक होते हैं, जांच समिति के साथ बैठक कर उन्हें जांच रिपोर्ट देंगे।
- लालजी यादव, बीएसए