सूर्यदेव ने तरेरी आंखें, झुलसने लगा गेहूं
संवाद सहयोगी अमृतपुर (फर्रुखाबाद) अभी से जेठ सी तपिश से गेहूं झुलसने लगा है। मार्च के पहले स
संवाद सहयोगी, अमृतपुर (फर्रुखाबाद) : अभी से जेठ सी तपिश से गेहूं झुलसने लगा है। मार्च के पहले सप्ताह में ही पारा 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से किसानों के माथे पर बल पड़ गए हैं। उन्हें गेहूं की बालियां खराब होने और उत्पादन घटने की आशंका सता रही है।
इस बार फरवरी से ही धूप सूर्यदेव ने कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। मार्च की शुरुआत में ही गर्मी अधिक हो गई है। इस समय गेहूं में बाली निकल रही है, पिछैती गेहूं तो अभी वृद्धि पर ही है। मौसम गर्म होने से गेहूं की बाली सूख रही है और गेहूं का दाना सूखकर छोटा रहने की आशंका है। पिछैती गेहूं की वृद्धि रुकने पर बाली छोटी ही रहेगी। गांव मोकुलपुर निवासी किसान राजवीर का कहना है कि फाल्गुन में ही गर्मी बढ़ गई है, जिससे गेहूं की फसल सूखने लगी है। गेहूं में बाली निकल चुकी है। तेज हवा चल रही है। सिचाई करने पर गेहूं गिर जाएगा। इससे गेहूं का उत्पादन कम हो जाएगा। गेहूं चैत्र महीने में पकता है। गांव नगला हुशा निवासी दीपक सोमवंशी बोले कि तापमान अधिक होने से गेहूं की फसल पकने से पहले ही सूखने लगी है। पिछैती गेहूं अभी कल्ले ही ले रहा है। जिसकी अभी वृद्धि भी नहीं हुई है। पिछैती गेहूं में छोटी बाली आएगी और गेहूं का उत्पादन कम होगा। लायकपुर गांव निवासी संजय सोमवंशी व किराचन गांव जितेंद्र सिंह ने कहा कि गेहूं की बाली निकल गई है, लेकिन अधिक गर्मी से गेहूं पकने से पहले ही सूख जाएगा और गेहूं का दाना छोटा रह जाएगा, जिससे उत्पादन घटेगा।
आलू की सेहत को लेकर भी किसान फिक्रमंद
इस बार आलू को लेकर भी किसान चिंतित हैं। इस वक्त खोदाई चल रही है और गर्मी ज्यादा पड़ने से आलू की पैदावार भी प्रभावित होने का खतरा है।
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मार्च में मौसम वैसे भी गर्म होने लगता है। इस बार तापमान तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि अगैती गेहूं पर इसका अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। पिछैती गेहूं की उपज पर प्रभाव पड़ने की आशंका है।
डॉ.संजय सिंह, कृषि विज्ञानी, कृषि विज्ञान केंद्र