ब्रह्मदत्त हत्याकांड में सजायाफ्ता संजीव माहेश्वरी की जमानत सुप्रीम कोर्ट से खारिज
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद भाजपा के कद्दावर नेता रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन स
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भाजपा के कद्दावर नेता रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन सजा काट रहे शातिर अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की जमानत याचिका गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। इसी मामले में जेल में बंद पूर्व विधायक विजय सिंह की जमानत पूर्व में खारिज हो चुकी है।
शहर कोतवाली के मोहल्ला सेनापति निवासी भाजपा नेता व तत्कालीन विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी व उनके सुरक्षा कर्मी ब्रजकिशोर तिवारी की 10 फरवरी 1997 को लोहाई रोड पर गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत कई बड़े नेता यहां आए थे। तत्कालीन राज्यपाल की सिफारिश पर घटना की जांच सीबीआइ को दी गई थी। सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआइ ट्रायल कोर्ट लखनऊ ने 17 जुलाई 2003 को पूर्व विधायक विजय सिंह व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में विजय सिंह को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। 26 मई 2017 को उच्च न्यायालय के जस्टिस विजय लांबा व विजय लक्ष्मी ने सीबीआइ ट्रायल कोर्ट के फैसले को बहाल कर दिया। इस दौरान संजीव माहेश्वरी पहले से जेल में बंद था। पूर्व विधायक विजय सिंह ने 5 जून 2017 को विजय सिंह ने सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। सितंबर 2019 को विजय सिंह की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी। वह इन दिनों बांदा जेल में निरुद्ध है। ब्रह्मदत्त द्विवेदी के पुत्र सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने बताया कि गुरुवार को अभियुक्त संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने सुनवाई की और याचिका खारिज कर दी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुमन भारद्वाज व अभियोजन पक्ष से एडीशनल सालिसिटर जनरल बीएस राजू, वरिष्ठ अधिवक्ता राणा मुखर्जी, वंशजा शुक्ला व राजन नायर ने पक्ष रखा।