गणेश चतुर्थी व नवरात्र के बीच का महात्म्य है श्राद्ध पर्व
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : श्राद्ध पक्ष अशुभ नहीं है। गणेश चतुर्थी व नवरात्र के बीच आने से इस
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : श्राद्ध पक्ष अशुभ नहीं है। गणेश चतुर्थी व नवरात्र के बीच आने से इस पक्ष का विशेष महात्म्य है। मान्यता के अनुसार श्राद्ध पक्ष में पितृगण पृथ्वी पर आते हैं। संतान की समृद्धि देख उन्हें भी खुशी होती है। इसलिए श्राद्ध पक्ष अशुभ नहीं है। इस पक्ष में किसी भी नई चीज को खरीदना शास्त्र के अनुसार वर्जित नहीं है।
आचार्य शोभित व्यास कहते हैं कि इन दिनों चल रहे श्राद्ध पक्ष पर कुछ लोगों की धारणा बन जाती है कि यह समय अशुभ है। नई चीजें खरीदने से पितर नाराज हो जाते हैं। जबकि शास्त्रों में यह उल्लेख नहीं मिलता कि इस पक्ष में खरीददारी नहीं करनी चाहिए। वास्तविक रूप से नई खरीददारी से पितरों को संतोष हो सकता है कि उनके वंशज सुखी और खुशहाल हैं। दरअसल पितृ पक्ष में नई चीज खरीदने से इसलिए मना किया जाता है कि व्यक्ति नई चीज में ध्यान लगाकर पितृ सेवा से विमुख न हो जाए। वास्तविकता यह है कि अपनी खुशियों के साथ पितृ का भी श्रद्धापूर्वक ध्यान व तर्पण करें तो नई चीजों की खरीददारी में कोई बुराई नहीं। दान-पुण्य की न पड़ जाए कमी
आचार्य ओमकार नाथ मिश्र कहते हैं कि पितृ पक्ष दान-पुण्य का पक्ष है। अन्न के दान सहित अन्य वस्तुओं के दान का अत्यधिक महत्व है। कहीं ऐसा न हो कि नया मकान या अन्य नई चीजें खरीदने से श्राद्ध पक्ष के दान में कमी रह जाए। इसलिए लोगों के लिए दैनिक उपभोग की वस्तुओं को छोड़कर अन्य वस्तुओं की खरीददारी को ठीक नहीं माना जाता।