एसडीएम ने मंडी प्लेटफार्म तोड़ने का काम रुकवाया
कायमगंज की मंडी का आधुनिकीकरण करने के लिए स्वीकृत करीब छह करोड़ की योजना के तहत मंडी परिसर में ईनेम आफिस लैब व अन्य निर्माण के लिए पर्याप्त जगह होने के बावजूद वहां निर्मित शेड व प्लेटफार्म को तोड़ा जा रहा है। करीब डेढ़ करोड़ लागत से बना यह प्लेटफार्म किसान व व्यापारियों के लिए उपयोगी होने के बावजूद इसकी तोड़फोड़ होने पर जागरण ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर सरकारी धन के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया था। इसको संज्ञान लेकर उपजिलाधिकारी ने मंडी पहुंच कर वस्तुस्थिति देखी व निर्माण के लिए हो रही तोड़फोड़ को रोक दिया है।
संवाद सहयोगी, कायमगंज : कायमगंज की मंडी का आधुनिकीकरण करने के लिए स्वीकृत करीब छह करोड़ की योजना के तहत मंडी परिसर में ईनेम आफिस, लैब व अन्य निर्माण के लिए पर्याप्त जगह होने के बावजूद वहां निर्मित शेड व प्लेटफार्म को तोड़ा जा रहा है। करीब डेढ़ करोड़ लागत से बना प्लेटफार्म किसान व व्यापारियों के लिए उपयोगी होने के बावजूद इसकी तोड़फोड़ होने पर जागरण ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर सरकारी धन के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया था। इसको संज्ञान लेकर एसडीएम ने मंडी पहुंच कर वस्तुस्थिति देखी व निर्माण के लिए हो रही तोड़फोड़ को रोक दिया है।
कायमगंज की मंडी ए-ग्रेड होने से यहां छह करोड़ लागत से आधुनिकीकरण की योजना है। जिसके तहत आधुनिक ई-नेम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) आफिस भवन, उसके लिए प्रयोगशाला, किसान अतिथि गृह, आधुनिक कैंटीन आदि का निर्माण होना स्वीकृत हुआ। हालांकि यहां ई-नेम शुरू हुए तीन वर्ष हो चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एक भी सौदा नहीं हुआ। इसके चलते स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि यह निर्माण भी निष्प्रयोज्य ही रहेंगे। स्थानीय व्यापारियों ने मंडी में करीब आठ वर्ष पहले बने नीलामी प्लेटफार्म को तोड़ने पर आपत्ति भी की थी। मंडी परिसर में नए निर्माण के लिए पर्याप्त से अधिक जमीन खाली पड़ी है। गुरुवार को जागरण में इस आशय का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित होने पर मंडी समिति के पदेन अध्यक्ष उपजिलाधिकारी अमित आसेरी ने इसे मामले का संज्ञान लिया। सुबह मंडी परिसर पहुंच कर प्लेटफार्म तोड़ने का काम उन्होंने रुकवा दिया। संबंधित को निर्माण व टेंडर एग्रीमेंट प्रपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।