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दिवंगत महिला के खाते से रुपये निकालने आई वृद्धा को पकड़ा

संवाद सूत्र कंपिल तीन वर्ष पहले मर चुकी वृद्धा के खाते से फर्जी पासबुक और आधार कार्ड से सह

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 06:30 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 06:30 PM (IST)
दिवंगत महिला के खाते से रुपये 
निकालने आई वृद्धा को पकड़ा
दिवंगत महिला के खाते से रुपये निकालने आई वृद्धा को पकड़ा

संवाद सूत्र, कंपिल : तीन वर्ष पहले मर चुकी वृद्धा के खाते से फर्जी पासबुक और आधार कार्ड से सहारे रुपये निकालने आई एक वृद्धा को बैंक कर्मियों ने पकड़ लिया। मामला खुला तो वृद्धा के साथ आए तीन युवक वहां से फरार हो गए। बैंक कर्मियों ने वृद्धा को पुलिस के हवाले कर दिया।

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थाना क्षेत्र के गांव नाजिर नगला निवासी रामकटोरी पत्नी रामनाथ का आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की शाखा राईपुर चिनहटपुर कंपिल में खाता था। इस खाते में रामकटोरी की वृद्धावस्था पेंशन आती थी। रामकटोरी का विगत 3 वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। काफी समय से लेनदेन न होने के कारण खाते से निकासी में रोक लग गई थी। सोमवार दोपहर करीब दो बजे वृद्धा तीन युवकों के साथ शाखा में पहुंची। वृद्धा ने 26 हजार रुपये निकालने के लिए विड्राल फॉर्म भरकर कैशियर को दिया। कैशियर के पासबुक व आधार कॉर्ड मांगने पर महिला ने अस्पष्ट पासबुक व फर्जी तरीके से बनाई गई आधारकार्ड की छायाप्रति दी। कैशियर ने शाखा प्रबंधक मोनार्क चावला को जानकारी दी। बैंक कर्मचारियों ने वृद्धा से पूछताछ की। इस पर वह सकपका गई और उसने दूसरे के खाते से रुपये निकालने का प्रयास की सच्चाई बता दी। इस दौरान बैंक के बाहर खड़े साथ आये तीन युवक वहां से भाग गए। शाखा प्रबंधक ने मामले की सूचना पुलिस को तो थाने से दो महिला आरक्षी व दरोगा बैंक पहुंचे और महिला को साथ लेकर थाने चले आए। शाखा प्रबंधक मोनार्क चावला ने बताया कि जालसाजी कर मृतक महिला के खाते से रुपये निकालने आई बुजुर्ग महिला को पुलिस को सौंपा है। साथ आए तीनों युवक मौका पाते ही फरार हो गए। दारोगा डी पी गौतम ने बताया ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है और न ही किसी महिला को पकड़कर थाने लाया गया है। मरने के बाद भी आती रही पेंशन

रामकटोरी की मृत्यु हुए तीन साल बीतने के बावजूद उसके खाते में समाज कल्याण विभाग से वृद्धा पेंशन आती रही। विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी है। साथ ही तीन वर्ष तक महिला के खाते में रुपये आते रहे लेकिन इसको निकालने का प्रयास भी स्वजन ने नहीं किया और न ही खाते को बंद करने का प्रार्थना पत्र दिया गया है।


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